हवन आहुति मंत्र 108 pdf: हिंदू धर्म में संख्या 108 को पूर्णता और ब्रह्मांडीय ऊर्जा का प्रतीक माना गया है इसलिए जप माला में भी 108 मनके होते हैं। इतना ही नहीं 27 नक्षत्रों और प्रत्येक नक्षत्रों के चार चरणों का जोड़ भी 108 ही होता है। इसलिए हवन पूजन के समय भी 108 आहुति मंत्रों का विशेष महत्व माना जाता है। कहते हैं हवन कुंड में 108 आहुति देने से देवता शीघ्र प्रसन्न होते हैं और यज्ञफल पूर्ण होता है। चलिए अब जानते हैं इन 108 हवन आहुति मंत्रों के बारे में विस्तार से यहां।
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हवन आहुति मंत्र 108
- ॐ अग्नये स्वाहा
- ॐ सोमाय स्वाहा
- ॐ आयुः स्वाहा
- ॐ प्रजायै स्वाहा
- ॐ प्रजापतये स्वाहा
- ॐ रुद्राय स्वाहा
- ॐ वायु देवाय स्वाहा
- ॐ सूर्याय स्वाहा
- ॐ चन्द्रमसे स्वाहा
- ॐ ब्रह्मणे स्वाहा
- ॐ विष्णवे स्वाहा
- ॐ शिवाय स्वाहा
- ॐ इन्द्राय स्वाहा
- ॐ वरुणाय स्वाहा
- ॐ बृहस्पतये स्वाहा
- ॐ मारुताय स्वाहा
- ॐ कुवेराय स्वाहा
- ॐ सोमराजाय स्वाहा
- ॐ धनदाय स्वाहा
- ॐ ऋताय स्वाहा
- ॐ यमाय स्वाहा
- ॐ कालाय स्वाहा
- ॐ विश्वकर्मणे स्वाहा
- ॐ पवमानाय स्वाहा
- ॐ अश्विनौ स्वाहा
- ॐ भौमाय स्वाहा
- ॐ बुधाय स्वाहा
- ॐ शुक्राय स्वाहा
- ॐ शनैश्चराय स्वाहा
- ॐ राहवे स्वाहा
- ॐ केतवे स्वाहा
- ॐ सरस्वत्यै स्वाहा
- ॐ लक्ष्म्यै स्वाहा
- ॐ पार्वत्यै स्वाहा
- ॐ दुर्गायै स्वाहा
- ॐ कात्यायन्यै स्वाहा
- ॐ महालक्ष्म्यै स्वाहा
- ॐ स्कन्दाय स्वाहा
- ॐ हनुमते स्वाहा
- ॐ विष्णुप्रिये स्वाहा
- ॐ कालरात्र्यै स्वाहा
- ॐ महाकालाय स्वाहा
- ॐ नारायणाय स्वाहा
- ॐ कामदेवाय स्वाहा
- ॐ ऋचाये स्वाहा
- ॐ सत्याय स्वाहा
- ॐ तत्त्वाय स्वाहा
- ॐ गुरवे स्वाहा
- ॐ चण्डिकायै स्वाहा
- ॐ गंगायै स्वाहा
- ॐ यमुनायै स्वाहा
- ॐ नर्मदायै स्वाहा
- ॐ शीतलायै स्वाहा
- ॐ अन्नपूर्णायै स्वाहा
- ॐ संतोष्यै स्वाहा
- ॐ कालिकायै स्वाहा
- ॐ भगवत्यै स्वाहा
- ॐ मातरायै स्वाहा
- ॐ पुरुषाय स्वाहा
- ॐ हंसाय स्वाहा
- ॐ जगन्नाथाय स्वाहा
- ॐ हृषीकेशाय स्वाहा
- ॐ कृष्णाय स्वाहा
- ॐ रामचन्द्राय स्वाहा
- ॐ वासुदेवाय स्वाहा
- ॐ बलरामाय स्वाहा
- ॐ नारसिंहाय स्वाहा
- ॐ वामनाय स्वाहा
- ॐ परशुरामाय स्वाहा
- ॐ गौतमाय स्वाहा
- ॐ गौरीशंकराय स्वाहा
- ॐ नागदेवाय स्वाहा
- ॐ वासुकये स्वाहा
- ॐ शेषनागाय स्वाहा
- ॐ गरुड़ाय स्वाहा
- ॐ वज्रपाणये स्वाहा
- ॐ धर्मराजाय स्वाहा
- ॐ अशोकाय स्वाहा
- ॐ शांति देव्यै स्वाहा
- ॐ नृसिंहाय स्वाहा
- ॐ ऋणमुक्ताय स्वाहा
- ॐ मोक्षाय स्वाहा
- ॐ वैद्यनाथाय स्वाहा
- ॐ वाचस्पतये स्वाहा
- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय स्वाहा
- ॐ लक्ष्मी नारायणाय स्वाहा
- ॐ सत्यनारायणाय स्वाहा
- ॐ गजेन्द्रमोक्षाय स्वाहा
- ॐ सूर्यनारायणाय स्वाहा
- ॐ भद्रकाली स्वाहा
- ॐ महादेवाय स्वाहा
- ॐ शरण्याय स्वाहा
- ॐ बालाजी स्वाहा
- ॐ सुभद्राय स्वाहा
- ॐ वेदव्यासाय स्वाहा
- ॐ कन्यायै स्वाहा
- ॐ अनंताय स्वाहा
- ॐ रामदूताय स्वाहा
- ॐ त्र्यम्बकाय स्वाहा
- ॐ नीलकंठाय स्वाहा
- ॐ वीरभद्राय स्वाहा
- ॐ अर्घ्यम स्वाहा
- ॐ पूर्णाहुति स्वाहा
- ॐ भूम्यै स्वाहा
- ॐ गोमातायै स्वाहा
- ॐ तुलसी मातायै स्वाहा
- ॐ विघ्नविनाशाय स्वाहा
- ॐ सर्वदेवाय स्वाहा
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हवन करने की विधि
- सबसे पहले आपको ॐ कृष्णाय नमः, ॐ माधवाय नमः, ॐ नारायणाय नमः बोलते हुए आचमन करना है।
- उसके बाद थोड़ा सा गंगाजल लें और अपने हाथ को शुद्ध कर लें।
- इसके बाद आपको दूब घास लेना है जिसे गंगाजल में भिगोकर खुद पर और चारों दिशाओं मे छिड़कना है।
- इसके बाद आपको अग्नि प्रज्वल मंत्र को पढ़ना है और कपूर को जलाकर अग्नि प्रज्वलित कर लेनी है।
- फिर 108 मंत्रों से हवन में 108 बार आहुति देनी है।
हवन सामग्री लिस्ट
- हवन कुंड
- लौंग
- गंगाजल
- सुपारी
- फूलों की माला
- शुद्ध घी
- चावल
- आम या केले के पत्ते
- अगरबत्ती
- सूखा नारियल
- 5 प्रकार के फल
- मिठाई
- आम की लकड़ी
- चरणामृत
- लाल कलावा
- रोली चंदन
- पान के पत्ते
- गुग्गल
- लोबान
- शहद
- लाल कपड़ा
- कपूर