Vidushi Deeksha V: भरतनाट्यम केवल एक नृत्य शैली नहीं, बल्कि साधना, अनुशासन और आत्मा से जुड़ा हुआ एक अनुष्ठान है। इस कला को जीवंत रूप देते हुए कर्नाटक के उदुपी की विदुषी दीक्षा वी ने असंभव को संभव कर दिखाया। उन्होंने लगातार 216 घंटे यानी 9 दिन तक भरतनाट्यम प्रस्तुत कर विश्व रिकॉर्ड बना दिया। यह उपलब्धि न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया में भारतीय संस्कृति और नारी शक्ति का परचम लहरा रही है। विदुषी दीक्षा वी का जीवन और उपलब्धि भारतीय संस्कृति, महिला शक्ति और कला साधना का अनमोल उदाहरण है। आइए जानते हैं विदुषी दीक्षा वी के बारे में।
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विदुषी दीक्षा वी का जन्म और पालन-पोषण कर्नाटक के उदुपी में हुआ। पिता वित्तल एक बस चालक हैं और मां शुभा छात्रावास में सहायक के तौर पर कार्यरत हैं। सामान्य परिवार से आने वाली दीक्षा बचपन से ही भरतनाट्यम की ओर आकर्षित थीं और निरंतर अभ्यास से उन्होंने अपनी पहचान बनाई। पढ़ाई में भी उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया। बीएससी की डिग्री लेने के बाद वह वर्तमान में बीएड की छात्रा हैं।
विदुषी ने तोड़ा विश्व रिकॉर्ड
21 अगस्त से 30 अगस्त 2025 तक उन्होंने लगातार 216 घंटे तक भरतनाट्यम का प्रदर्शन किया। यह रिकॉर्ड Golden Book of World Records द्वारा अस्थायी रूप से मान्यता प्राप्त है और इसका तकनीकी सत्यापन चल रहा है। इससे पहले का रिकॉर्ड 170 घंटे का था, जिसे दीक्षा ने पार कर नया इतिहास रच दिया। यह प्रदर्शन केवल नृत्य नहीं बल्कि धैर्य, संकल्प और कला के प्रति समर्पण का अद्भुत उदाहरण है।
विदुषी को मिला सम्मान
उनकी इस उपलब्धि की सराहना कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने सार्वजनिक मंच से की और उन्हें सम्मानित भी किया। Golden Book of World Records के एशिया हेड ने भी इसे असाधारण साधना और साहस करार दिया। यह उपलब्धि भारत की युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा स्रोत है।
विदुषी दीक्षा का सफर यह बताता है कि आर्थिक स्थिति या पृष्ठभूमि चाहे कैसी भी हो, इच्छाशक्ति और मेहनत से हर लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उन्होंने दिखा दिया कि कला केवल मंच पर सुंदरता दिखाने के लिए नहीं, बल्कि विश्व स्तर पर भारत की पहचान बनाने का जरिया भी है। उनका रिकॉर्ड हर उस बेटी को प्रेरित करता है जो बड़े सपनों को साकार करने की हिम्मत रखती है।