नई दिल्ली: नोएडा के सेक्टर-41 की रहने वाली 76 साल की सरला देवी साइबर ठगों के बड़े जाल में फंस गईं. खुद को एयरटेल हेड ऑफिस और मुंबई क्राइम ब्रांच का अफसर बताकर ठगों ने महिला को डराया कि उनके नाम से मुंबई में मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट खोले गए हैं, जिनका इस्तेमाल गैम्बलिंग, हवाला और आतंकी फंडिंग जैसी गतिविधियों में हो रहा है. ये भी कहा गया कि पहलगाम में जो आतंकी हमलें में फंडिंग हुई उसमें भी उनके नंबर का इस्तेमाल किया गया था और इस तरह से उन्हें और डराया गया.
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ठगों ने उन्हें व्हाट्सऐप वीडियो कॉल पर नकली पुलिस अफसर बनकर दिखाया और कहा कि उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी हुआ है. इस दबाव में महिला से कहा गया कि वह अपनी जांच क्लियर करवाने के लिए सिक्योरिटी मनी जमा कराए, जो बाद में वापस कर दी जाएगी.
डरी-सहमी महिला ने 20 जुलाई से 13 अगस्त 2025 के बीच अलग-अलग बैंक अकाउंट्स और QR कोड्स के जरिए 8 बार में कुल 43 लाख 70 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए. पहला ट्रांजैक्शन ₹70,000 का था. वहीं सबसे बड़ा ट्रांसफर 11 लाख रुपये का किया गया था.
पैसे पंजाब और राजस्थान के खातों में गए जिनके नाम वरिंदरपाल सिंह, मदन कुमार, मनजू जनरल स्टोर और अशापुरा टी स्टॉल थे. ठग यहीं नहीं रुके, वे महिला पर लगातार दबाव बनाते रहे कि और 15 लाख रुपये जमा कराओ वरना गिरफ्तारी हो जाएगी. आख़िरकार महिला ने एक वकील से सलाह ली और तब जाकर समझ आया कि यह ऑनलाइन फ्रॉड है. इसके बाद उन्होंने आगे पैसे भेजना बंद कर दिया और पुलिस में शिकायत दी.
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इस घटना ने महिला को मानसिक और शारीरिक तौर पर बुरी तरह तोड़ दिया है. अब उन्होंने पुलिस से गुहार लगाई है कि ठगों को पकड़कर सख्त सजा दिलाई जाए और उनकी गाढ़ी कमाई वापस दिलवाई जाए. साइबर पुलिस ने शिकायत दर्ज कर ली है और खातों की डिटेल्स और पैसों के लेन-देन की जांच शुरू कर दी है.