भारतीय Stock market की चमक बुझती दिखाई दे रही है—टाटा समूह की प्रमुख आईटी कंपनी Tata Consultancy Services (TCS) को हाल ही में ₹5.66 लाख करोड़ के रिकॉर्ड घाटे का सामना करना पड़ा है। आइए विस्तार से जानते हैं कि ऐसा क्यों हुआ और इसका प्रभाव किस तरह का है।
1. जब कंपनी का मून से गिरा बाजार मूल्य
TCS का शेयर अगस्त 2024 में ₹4,585.90 के उच्चतम स्तर पर था, लेकिन अब यह ₹3,045 के आसपास ट्रेड कर रहा है। इससे कंपनी का मार्केट कैप ₹16.59 लाख करोड़ से गिरकर ₹10.93 लाख करोड़ हो गया है—यानि 34% की बड़ी गिरावट आ चुकी है। यह 2008 के ग्लोबल वित्तीय संकट के बाद सबसे बड़ा झटका है।
2. Q1FY26 की कमजोर रिपोर्ट ने बढ़ाया दबाव
हालिया तिमाही के परिणाम उम्मीद के मुताबिक नहीं रहे। अर्जित राजस्व मात्र 1.3% बढ़ा (₹63,437 करोड़), जबकि नेट प्रॉफिट सिर्फ 5.9% बढ़ सकी (₹12,760 करोड़)। खासकर अमेरिका और यूरोप से प्राप्त कॉन्ट्रैक्ट्स में गिरावट और BSNL जैसे बड़े अनुबंधों में कमी ने इस प्रदर्शन को धीमा कर दिया।
3. बड़े पैमाने पर छंटनी—कर्मचारी भी हुए प्रभावित
TCS ने अपनी वैश्विक कार्यबल का 2% (लगभग 12,200 कर्मचारियों) को हटाने की घोषणा की है, मुख्यतः मिड और सीनियर लेवल पर। यह कदम कौशल असंतुलन और कार्यक्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया था (Reuters, mint)। हालांकि लागत घटाने पर असर पड़ेगा, लेकिन इससे निवेशकों में असमंजस की स्थिति भी पैदा हुई (Reuters)।
4. वैश्विक आईटी मांग और AI का बढ़ता दबदबा
IT सेक्टर में मंदी और जेनरेटिव AI जैसे नए तकनीकी क्षेत्र ने पारंपरिक मॉडल को चुनौती दी है। ग्राहकों ने गैर-आवश्यक खर्चों में कटौती करनी शुरू कर दी है और ऑफशोर रुपये सेवाओं को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई है।
5. निवेशक धारणा में बदलाव
इस गिरावट का असर सिर्फ कंपनी पर ही नहीं, बल्कि उससे जुड़े बड़े निवेशकों पर भी पड़ा है। उदाहरण के लिए, LIC, जो टीसीएस की प्रमुख हिस्सेदार है, को ₹27,000 करोड़ का घाटा हुआ है (mint)। FII ने अपनी होल्डिंग घटाई, वहीं म्यूचुअल फंड ने निवेश बढ़ाया है—यह संकेत है कि लंबी अवधि के लिए मशूर म्यूचुअल फंड्स अभी भी TCS में विश्वास बनाए रखना चाहते हैं
6. व्यापक सन्दर्भ: टाटा समूह का झटका
TCS अकेली नहीं है—पूरे टाटा समूह की मार्केट कैप में पिछले 11 महीनों में ₹8.25 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है। इसमें Tata Motors, Trent, Titan, Tata Power, Voltas, Tata Communications जैसे और भी कई प्रमुख कंपनियाँ शामिल हैं। केवल होटल, केमिकल और निवेश शाखाओं ने कुछ मजबूती दिखाई है ।
निष्कर्ष: अवसर या अलार्म?
हालांकि TCS का शेयर भारी गिरावट झेल रहा है, लेकिन इसकी मजबूत बुनियादी क्षमताएँ—जैसे डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में विशेषज्ञता—लंबी अवधि निवेशकों के लिए अभी भी आशावादी संकेत देती हैं। म्यूचुअल फंड्स के बढ़ते निवेश इस आशावाद को दर्शाते हैं । वहीं, तात्कालिक तौर पर निवेशकों को सतर्क रहना होगा क्योंकि यह गिरावट सतही नहीं बल्कि संरचनात्मक बदलावों से प्रेरित लग रही है।