रायपुर : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में नशे के कारोबार को रोकने के लिए पुलिस ने एक बार फिर सख्त कार्रवाई की है। रायपुर रेंज के आईजी अमरेश मिश्रा के निर्देश पर जिले में चल रहे ‘निश्चय अभियान’ के तहत खमतराई क्षेत्र के डेरापारा में पुलिस और नगर निगम की संयुक्त टीम ने गांजा तस्करों के 15 अवैध ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। ये ठिकाने नगर निगम की जमीन पर बने झोपड़ियों में थे, जिनमें आरोपी वर्षों से गांजा और अवैध शराब का व्यापार कर रहे थे।
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पुलिस को लंबे समय से खमतराई, डेरापारा, तेलीबांधा, कालीबाड़ी और कुकुरबेड़ा इलाकों में नशे के कारोबार की शिकायतें मिल रही थीं। इन इलाकों में लगातार अवैध रूप से गांजा, टेबलेट और सिरप का खुला कारोबार चल रहा था। बीते सप्ताह पुलिस ने 40 ठिकानों पर छापेमारी कर 60 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया। इसमें पुरुष, महिलाएं और नाबालिग शामिल थे। जांच में 15 गांजा तस्करों को जेल भेजा गया, जबकि अन्य आरोपियों को नोटिस जारी कर उनके अवैध कब्जों को खाली करने के निर्देश दिए गए।
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि तस्करों ने अवैध मकान तो बनाए ही थे, साथ ही बिजली विभाग की अनाधिकृत कनेक्शन का भी उपयोग किया था। बिजली विभाग ने इसकी पुष्टि की और पुलिस ने निगम और बिजली विभाग को कार्रवाई की अनुशंसा की। इसके बाद निगम और पुलिस की टीम ने बुलडोजर से इन मकानों को जमींदोज कर दिया। विशेष रूप से 21 सितंबर को खमतराई पुलिस ने डेरापारा स्थित आरटीओ ऑफिस के पास छापेमारी कर रेनु सोनवानी और चांदनी सोनी नामक महिलाओं को अवैध शराब बेचते हुए गिरफ्तार किया। इनके कब्जे से 181 बोतल देशी शराब जब्त की गई। इस कार्रवाई के बाद पुलिस ने इलाके में अन्य अवैध ठिकानों पर भी दबिश दी और तस्करों के कारोबार को निशाना बनाया।
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खमतराई के अलावा तेलीबांधा, कालीबाड़ी और कुकुरबेड़ा इलाकों में भी नशे के खुले कारोबार की शिकायतें मिल रही हैं। पुलिस ने कहा है कि इन इलाकों में भी तस्करों और उनके अवैध ठिकानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मकानों और संपत्तियों को निशाना बनाया जाएगा ताकि तस्करों को आर्थिक नुकसान पहुंचे और वे नशा कारोबार से बाहर निकलें। सिर्फ तस्करों पर ही नहीं, बल्कि गांजा पीने वालों पर भी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। नए कानून के तहत अब गांजा सेवन करने वालों को भी सजा का प्रावधान है। इसलिए जिन्हें गांजा पीते हुए पकड़ा जा रहा है, उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह अभियान रायपुर शहर को नशामुक्त बनाने की दिशा में अहम कदम है और इसे निरंतर जारी रखा जाएगा। प्रशासन का कहना है कि शहर में नशा नियंत्रण के लिए समय-समय पर सख्त कदम उठाए जाएंगे। तस्करों और अवैध शराब विक्रेताओं पर बुलडोजर कार्रवाई का मकसद न केवल अपराधियों को दंडित करना है, बल्कि पूरे इलाके में चेतावनी देना भी है कि नशा कारोबार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
नगर निगम के सहयोग से की गई यह कार्रवाई शहर के नशामुक्त बनाने की दिशा में बड़ी पहल मानी जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि अभियान में पुलिस और निगम की टीमों की सतत निगरानी रहेगी और किसी भी अवैध कब्जे या नशा कारोबार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस ने आम नागरिकों से भी सहयोग की अपील की है। उन्होंने कहा कि नशा तस्करों और उनके अवैध कारोबार की जानकारी मिलते ही पुलिस को तुरंत सूचित किया जाए। स्थानीय प्रशासन और पुलिस की टीम लगातार पेट्रोलिंग और छापेमारी कर नशे के कारोबार पर लगाम लगाएगी।
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विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की कार्रवाई न केवल तस्करों और अवैध कारोबारियों को आर्थिक नुकसान पहुंचाती है, बल्कि युवा पीढ़ी को नशे की लत से दूर रखने में भी मदद करती है। इसके साथ ही यह कदम शहर में कानून और व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। खमतराई क्षेत्र में की गई हालिया कार्रवाई ने यह भी दिखा दिया है कि पुलिस अब किसी भी स्तर पर नशा तस्करों को बख्शने के मूड में नहीं है। आईजी अमरेश मिश्रा ने स्पष्ट किया कि निश्चय अभियान केवल शुरुआत है और भविष्य में अन्य इलाकों में भी ऐसी कार्रवाई जारी रहेगी।
राज्य सरकार ने भी इस अभियान को समर्थन दिया है और कहा है कि नशे के कारोबार पर नियंत्रण के लिए सभी विभागों को मिलकर काम करना होगा। रायपुर पुलिस ने यह स्पष्ट किया कि तस्करों और नशे के सेवन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ उनकी संपत्तियों पर भी नजर रखी जाएगी। इस अभियान से पुलिस और प्रशासन का संदेश साफ है—रायपुर में नशा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बुलडोजर कार्रवाई, गिरफ्तारी और संपत्ति जब्ती जैसे कदम लगातार जारी रहेंगे। इसके जरिए न केवल तस्करों को दबाया जाएगा, बल्कि शहरवासियों में भी नशा विरोधी चेतना पैदा होगी। इस प्रकार रायपुर में नशा मुक्त शहर बनाने के लिए पुलिस और प्रशासन की यह पहल अहम मानी जा रही है। अभियान का मकसद केवल सजा देना नहीं, बल्कि अपराधियों और तस्करों के नेटवर्क को पूरी तरह समाप्त करना है, ताकि भविष्य में नशे का कारोबार कम से कम शहर में रहे।