रायपुर : आईपीएस रतन लाल डांगी यौन उत्पीड़न मामले में नया खुलासा हुआ है। जानकारी के मुताबिक उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला का सब इंस्पेक्टर पति 2012 में प्रमोशन पाकर एसआई बना था। सबसे हैरानी की बात कि, वह एसआई होने बावजूद 10 से ज्यादा थानों और चौकियों में प्रभारी रह चुका है। चौकियों का प्रभार उप निरीक्षकों के पास होता है लेकिन जिसरेंज में रतन लाल डांगी आईजी रहे उसी संभाग के थानों में भी एसआई को थानों का प्रभार मिलता रहा। ऐसे में सवाल उठते है कि, क्या महिला के दबाव में आकर उसके पति को इस तरह की बड़ी पोस्टिंग दी जाती थी या फिर इसके पीछे कुछ और कहानी है।
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रतन लाल डांगी ने 14 बिन्दुओ का जो पत्र डीजीपी को लिखा है उसमें आईपीएस डांगी ने महिला द्वारा वसूली किये जाने का भी जिक्र किया है। तो क्या महिला अपने पति के पोस्टिंग के बाद वसूली करती थी या सीधे आईजी के नाम पर यह खेल हो रहा था? इन तमाम बिन्दुओ पर संभवतः आनंद छाबड़ा की अगुवाई वाली दो सदस्यीय कमेटी जाँच करेगी। इस पूरे प्रकरण पर नया खुलासा हुआ है, आरोप लगाने वाली महिला ने दबाव डालकर मनचाही जगह पर ट्रांसफर कराये है। इतना ही नहीं बल्कि, रेंज के थानों में पोस्टिंग के नाम पर भी वसूली की जानकारी सामने आई है।
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चूंकि मामला आईपीएस पर आरोप और महिला के यौन उत्पीड़न से जुड़ा है, लिहाजा राज्य की सरकार इस पूरे प्रकरण पर पूरी गंभीरता से आगे बढ़ रही है। गुरुवार को ही आईपीएस आनंद छाबड़ा और आईपीएस मिलना कुर्रे को जांच का प्रभार दिया गया था। दोनों महिला के यौन उत्पीड़न के आरोप और रतन लाल डांगी के बलैकमेल और वसूली के दावों की जाँच करेगी। बता दें कि, छत्तीसगढ़ में सेवारत 2003 बैच के सीनियर आईपीएस अफसर रतन लाल डांगी पर एक महिला ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगे है। यह आरोप एक सब इन्स्पेक्टर की पत्नी ने लगाया है। वही आईपीएस रतनलाल डांगी ने इसकी शिकायत डीजीपी से की है। आईपीएस रतनलाल डांगी का कहना हैं कि, यह प्रकरण ब्लैकमेल से जुड़ा हुआ है। खुद को पीड़ित बताने वाली महिला उन्हें लम्बे वक़्त से ब्लैकमेल कर रही थी।


