दिल्ली की एक अदालत ने भारतीय नागरिकता मामले में सोनिया गांधी को बड़ी राहत दी है. अदालत ने भारतीय नागरिक बनने से पहले वोट देने का आरोप लगाने वाली याचिका खारिज कर दी है. आज यानी 11 सितंबर 2025 को वरिष्ठ कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के खिलाफ दायर याचिका पर फैसला सुनाया.
AIIMS ने लॉन्च किया Suicide Prevention App, छात्रों की मेंटल हेल्थ पर होगा फोकस
क्या था पूरा मामला
दरअसल याचिका में कहा गया था कि, भारतीय नागरिकता हासिल करने से पहले कैसे साल 1980 की मतदाता सूची में सोनिया गांधी ने अपना नाम जुड़वाया. साथ ही इस पर एफआईआर दर्ज करने की भी मांग की गई थी.
राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिया फैसला
दायर शिकायत पर फैसला देते हुए राउज एवेन्यू कोर्ट कोर्ट ने कहा कि ये आरोप आधारहीन हैं. केस में पर्याप्त सबूत नहीं है. इसलिए इस याचिका को खारिज कर दिया जाता है.
कोरबा में किसान ने मानसिक बीमारी से परेशान होकर की आत्महत्या, परिवार में मचा कोहराम
शिकायतकर्ता ने दिया ये तर्क
शिकायतकर्ता विकास त्रिपाठी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पवन नारंग ने तर्क दिया कि “यहां एकमात्र मुद्दा यह है कि जनवरी 1980 में सोनिया गांधी का नाम नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता के रूप में जोड़ा गया था, जबकि वह भारतीय नागरिक नहीं थीं. पहले आपको नागरिकता की सीमा पूरी करनी होगी, तभी आप किसी क्षेत्र के निवासी बनेंगे”
याचिकाकर्ता ने दावा किया कि, सोनिया गांधी का नाम 1980 में नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता के रूप में मतदाता सूची में शामिल था, जिसे 1982 में हटा दिया गया था, और 1983 में उनके भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के बाद फिर से दर्ज किया गया था.
कांग्रेस खेमें ने ली राहत की सांस
कोर्ट के इस फैसले के बाद कांग्रेस खेमे ने राहत की सांस ली है. वहीं, याचिका दायर करने वाले पक्ष ने कहा है कि आगे के कानूनी विकल्पों पर विचार किया जाएगा.