Raksha Bandhan 2025: राखी बांधते समय बहनें करें यह मंत्र जप, जानें रक्षाबंधन की शास्त्रीय विधि और खास योग
Raksha Bandhan 2025: रक्षाबंधन भाई-बहन के अटूट प्रेम और सुरक्षा के वचन का प्रतीक है। यह पर्व हर साल सावन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बहनें भाई की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। बदले में भाई उन्हें जीवनभर रक्षा का वचन देते हैं।
शास्त्रों में रक्षाबंधन का विशेष महत्व बताया गया है। इसमें राखी बांधने का एक पारंपरिक मंत्र और विधि भी बताई गई है, जिसका पालन करने से यह पर्व और भी शुभ हो जाता है।
राखी बांधने का शास्त्रीय मंत्र
मंत्र:
येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबलः।
तेन त्वाम् प्रतिबध्नामि, रक्षे माचल माचलः॥
अर्थ:
जिस रक्षासूत्र से दानवीर राजा बलि को बांधा गया था, उसी सूत्र से मैं तुम्हें बांधती हूं। हे रक्षासूत्र, तुम अचल रहो और भाई की रक्षा करते रहो।
राखी बांधने की शास्त्रीय विधि
- सुबह स्नान और पूजन: रक्षाबंधन के दिन सुबह स्नान के बाद भगवान गणेश और भगवान कृष्ण को राखी अर्पित करें।
- सिर ढकना जरूरी: राखी बांधने से पहले बहन चुन्नी से और भाई रुमाल से सिर ढक लें।
- पूजन सामग्री: बहन भाई को इलायची और अक्षत (चावल) दे, जिसे भाई मुट्ठी में बंद कर लें।
- राखी बांधना: बहन भाई की दाहिनी कलाई पर राखी बांधे और साथ में मंत्र का जप करे।
- अक्षत और इलायची का प्रयोग: राखी बांधने के बाद भाई के हाथ से इलायची और अक्षत लेकर घर की तिजोरी में लाल कपड़े में बांधकर रखें।
- आरती और मिठाई: राखी बांधने के बाद भाई की आरती उतारें और मिठाई खिलाएं।
- राखी कब तक बांधकर रखें: भाई को कम से कम 21 दिन या जन्माष्टमी तक राखी कलाई से नहीं उतारनी चाहिए।
क्यों खास है Raksha Bandhan 2025?
इस साल रक्षाबंधन पर 24 साल बाद एक दुर्लभ संयोग बन रहा है। 2025 में रक्षाबंधन के दिन कई शुभ योग बनेंगे, जो इसे और भी विशेष बनाएंगे:
- बुधादित्य राजयोग
- गजलक्ष्मी राजयोग
- सर्वार्थ सिद्धि योग
- सौभाग्य योग
ऐसा ग्रह संयोग इससे पहले वर्ष 2001 में रक्षाबंधन पर बना था। ज्योतिषीय मान्यता है कि इन योगों में किया गया पूजन, मंत्र-जप और राखी बांधना विशेष फलदायी होता है।
Raksha Bandhan 2025 न केवल भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करने का दिन है, बल्कि इस बार का शुभ संयोग इसे और भी खास बना रहा है। बहनें अगर राखी बांधते समय शास्त्रीय मंत्र का जप और विधि का पालन करें, तो भाई की आयु, स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
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