मानसिक स्वास्थ्य को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच पंजाब सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य ने अपनी पहली राज्य स्तरीय मानसिक स्वास्थ्य नीति (State Mental Health Policy) लॉन्च की है, जिसका उद्देश्य मानसिक बीमारियों के प्रति जागरूकता बढ़ाना और सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है।
मानसिक स्वास्थ्य नीति की मुख्य बातें
नई नीति के तहत पंजाब सरकार ने मानसिक स्वास्थ्य को जनस्वास्थ्य (Public Health) का अभिन्न हिस्सा बनाने का निर्णय लिया है।
नीति के प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं —
हर जिले में मानसिक स्वास्थ्य क्लिनिक और काउंसलिंग सेंटर की स्थापना। सरकारी अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में मनोवैज्ञानिक सेवाओं की सुविधा। स्कूलों और कॉलेजों में मेंटल हेल्थ प्रोग्राम्स शुरू किए जाएंगे ताकि युवाओं में अवसाद, तनाव और चिंता जैसी समस्याओं को समय रहते पहचानकर सहायता दी जा सके। मानसिक स्वास्थ्य के लिए ऑनलाइन हेल्पलाइन और टेली-काउंसलिंग की सुविधा भी जल्द शुरू होगी।
सरकार की पहल और उद्देश्य
पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस नीति का लक्ष्य मानसिक स्वास्थ्य को “कलंक नहीं, देखभाल का विषय” बनाना है। सरकार चाहती है कि राज्य का हर नागरिक मानसिक रूप से स्वस्थ, आत्मविश्वासी और सामाजिक रूप से सशक्त बने। इस पहल के ज़रिए सरकार सामुदायिक स्तर पर मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता अभियानों को भी बढ़ावा देगी। पंजाब सरकार की यह नीति देश के अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल नीति साबित हो सकती है। भारत में मानसिक स्वास्थ्य पर अभी भी सामाजिक शर्म और जानकारी की कमी सबसे बड़ी चुनौतियाँ हैं। नई नीति से यह उम्मीद की जा रही है कि अधिक लोग काउंसलिंग और इलाज के लिए आगे आएंगे।
भविष्य की दिशा
राज्य सरकार आने वाले महीनों में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े पेशेवरों — जैसे मनोचिकित्सक, काउंसलर और सामाजिक कार्यकर्ता — की संख्या बढ़ाने की दिशा में भी काम करेगी। साथ ही, इस नीति के तहत महिलाओं, किसानों और छात्रों जैसी संवेदनशील श्रेणियों को विशेष मानसिक सहायता दी जाएगी l