Patna । Bihar की सड़कों के विकास को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। राज्य में बन रहे पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे को अब आधिकारिक रूप से राष्ट्रीय एक्सप्रेसवे-9 (National Expressway-9, NE-9) का दर्जा मिल गया है। यह जानकारी बिहार के मुख्य सचिव ने साझा की और कहा कि इस परियोजना से न सिर्फ राज्य के विकास को गति मिलेगी बल्कि उत्तर बिहार और सीमांचल के लोगों के लिए यात्रा बेहद आसान हो जाएगी।
क्या है Patna -पूर्णिया एक्सप्रेसवे?
पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे एक ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट है, जिसकी लंबाई करीब 280 किलोमीटर है। यह एक्सप्रेसवे राजधानी पटना को सीमांचल के महत्वपूर्ण शहर पूर्णिया से सीधे जोड़ेगा। इस मार्ग के बनने के बाद यात्रा का समय लगभग आधा रह जाएगा। जहां अभी पटना से पूर्णिया पहुंचने में 7 से 8 घंटे लगते हैं, वहीं एक्सप्रेसवे तैयार होने के बाद यह दूरी सिर्फ 3 से 4 घंटे में तय की जा सकेगी।
यह एक्सप्रेसवे बिहार के पटना, नालंदा, नवादा, जमुई, लखीसराय, शेखपुरा, बेगूसराय, खगड़िया, सहरसा, मधेपुरा और पूर्णिया जिलों से होकर गुजरेगा। यानी यह प्रोजेक्ट सीधे तौर पर लाखों लोगों को जोड़ेगा और पूरे उत्तर और पूर्व बिहार के लिए विकास की नई राह खोलेगा।
राष्ट्रीय एक्सप्रेसवे का दर्जा क्यों अहम?
पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे को NE-9 का दर्जा मिलने से यह केंद्र सरकार के सीधे संरक्षण में आ गया है। इसका मतलब है कि:
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परियोजना के लिए फंडिंग और मेंटेनेंस केंद्र सरकार करेगी।
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निर्माण कार्य और गुणवत्ता पर राष्ट्रीय स्तर की निगरानी होगी।
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बिहार को बुनियादी ढांचे (Infrastructure) के मामले में नई पहचान मिलेगी।
मुख्य सचिव ने कहा कि यह कदम बिहार के लिए बड़ी उपलब्धि है क्योंकि इससे राज्य के विकास कार्यों को और गति मिलेगी।
क्या होंगे फायदे?
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यात्रा का समय घटेगा – पटना से पूर्णिया की दूरी सिर्फ कुछ घंटों में तय की जा सकेगी।
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आर्थिक विकास को बढ़ावा – व्यापार, इंडस्ट्री और कृषि उत्पादों की आसान ढुलाई संभव होगी।
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पर्यटन और निवेश – बेहतर सड़क कनेक्टिविटी से राज्य में पर्यटन और उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
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सीमांचल का विकास – पूर्णिया और आसपास का इलाका, जिसे अब तक पिछड़ा माना जाता था, सीधे राजधानी से जुड़ जाएगा।
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रोजगार के अवसर – एक्सप्रेसवे के निर्माण और संचालन से हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा।
कब तक पूरा होगा प्रोजेक्ट?
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) की योजना के अनुसार इस प्रोजेक्ट को 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। फिलहाल भूमि अधिग्रहण और DPR (Detailed Project Report) की प्रक्रिया चल रही है।
बिहार में बदलती तस्वीर
पिछले कुछ सालों में बिहार में सड़क और एक्सप्रेसवे नेटवर्क पर तेजी से काम हो रहा है। पहले जहां राज्य का नाम पिछड़ेपन और खराब सड़कों से जोड़ा जाता था, वहीं अब राष्ट्रीय स्तर के एक्सप्रेसवे यहां तेजी से विकसित हो रहे हैं। गया-वाराणसी, आरा-बक्सर और पटना-आरा जैसे हाईवे प्रोजेक्ट्स पहले से ही काम में हैं।
पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे को NE-9 का दर्जा मिलने के बाद बिहार एक और बड़े राष्ट्रीय मानचित्र पर शामिल हो गया है। इससे साफ है कि आने वाले समय में बिहार सिर्फ कृषि और शिक्षा ही नहीं बल्कि सड़क और औद्योगिक विकास के क्षेत्र में भी तेजी से आगे बढ़ेगा।
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