रायपुर : इंजीनियर बेटे ने नक्सली पिता का अंतिम संस्कार किया। जानकारी के मुताबिक इंजीनियर रामकृष्ण जब सिर्फ़ 2 साल का था तब उसके पिता विजय रेड्डी अपने पूरे परिवार को छोड़कर नक्सल आंदोलन में शामिल हो गया था। रामकृष्ण अपनी माँ, नानी और बड़े भाई के साथ आंध्रप्रदेश में रहता है।
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नक्सली लीडर विजय बुधवार को मुठभेड़ में मारा गया,दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का सदस्य विजय पर अलग अलग राज्यों में 90 लाख का इनाम था। उसका बेटा रामकृष्ण अपने पिता का शव लेने मोहला-मानपुर पहुँचा। रामकृष्ण ने बताया कि उसे अपने पिता की मौत का कोई दुख नहीं है। उसने कहा, “शव लेने में किसी तरह की परेशानी नहीं हुई, पुलिस का पूरा सहयोग मिला।”
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विजय ने अपनी पारिवारिक ज़िम्मेदारी कभी नहीं निभाई, अलबत्ता ना जाने कितने बच्चों के सिर से उनके पिता का साया ज़रूर छीन लिया। उसी विजय का बेटा एक पुत्र की ज़िम्मेदारी निभाने के लिए अपने पिता का शव लेने पहुँचा। रामकृष्ण सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुका है और आउटसोर्सिंग में काम करता है। वहीं उसका बड़ा भाई मैकेनिकल इंजीनियरिंग में एमटेक है और फिलहाल बैंक में जॉब करता है।