15 अक्टूबर 2025 को मेडागास्कर में राजनीतिक संकट गहराता गया जब देश के राष्ट्रपति एंड्री रजोलीना को राजधानी अंतानानारिवो छोड़नी पड़ी। कारण था — देशभर में फैला “जनरेशन Z आंदोलन”, जिसमें युवा बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और डिजिटल स्वतंत्रता की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए।
क्या है ‘जनरेशन Z आंदोलन’?
‘जनरेशन Z आंदोलन’ मेडागास्कर के उन युवाओं का विद्रोह है जो 1997 के बाद जन्मे हैं — यानी वो पीढ़ी जो इंटरनेट, सोशल मीडिया और टेक्नोलॉजी के साथ बड़ी हुई है। इन युवाओं का कहना है कि सरकार ने शिक्षा और रोजगार के अवसरों को नजरअंदाज किया है, इंटरनेट सेंसरशिप बढ़ाई जा रही है, और राजनीतिक भ्रष्टाचार ने देश की अर्थव्यवस्था को कमजोर कर दिया है।
क्यों भड़का आंदोलन
15 अक्टूबर को आंदोलन तब हिंसक हो गया जब छात्रों और नागरिकों ने राष्ट्रपति कार्यालय की ओर मार्च किया। सुरक्षा बलों के साथ झड़प के बाद हालात बेकाबू हो गए और राष्ट्रपति को सुरक्षा कारणों से देश छोड़कर फ्रांस जाने पर मजबूर होना पड़ा। युवाओं की मांग: नई सरकार, पारदर्शिता और डिजिटल स्वतंत्रता जनरेशन Z आंदोलन के नेताओं ने कहा कि वे एक “डिजिटल डेमोक्रेसी” चाहते हैं — जहाँ सरकार की नीतियाँ पारदर्शी हों और नागरिकों को ऑनलाइन माध्यम से निर्णय प्रक्रिया में भागीदारी मिले।
युवाओं की प्रमुख मांगें हैं:
- स्वतंत्र प्रेस और सोशल मीडिया की आज़ादी
- शिक्षा और नौकरी में समान अवसर
- भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र (UN) और अफ्रीकी संघ (AU) ने मेडागास्कर में शांति बहाली की अपील की है। भारत, फ्रांस और अमेरिका जैसे देशों ने भी राजनीतिक संवाद के ज़रिए संकट सुलझाने की सलाह दी है।
राजनीतिक भविष्य पर सवाल
राष्ट्रपति के पलायन के बाद, अस्थायी तौर पर सत्ता सैन्य परिषद को सौंप दी गई है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि अगर युवाओं की मांगों को अनदेखा किया गया, तो यह आंदोलन अफ्रीका का सबसे बड़ा डिजिटल क्रांति आंदोलन बन सकता है।
नए युग की शुरुआत
मेडागास्कर का यह विद्रोह सिर्फ एक देश की कहानी नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के युवाओं की आवाज़ है। जनरेशन Z अब केवल सोशल मीडिया पर नहीं, बल्कि सड़कों पर भी परिवर्तन की मांग कर रही है — और यह इतिहास का एक नया अध्याय लिख सकती है।