जैसलमेर: जैसलमेर से जोधपुर जा रही प्राइवेट बस में मंगलवार को लगी आग की घटना में 20 यात्रियों की जिंदा जलने से मौत हो गई. लेकिन आग क्यों भड़की और इतनी तेजी से कैसे फैल गई कि यात्रियों को भागने का मौका तक नहीं मिल पाया. इसकी कुछ जानकारी निकलकर सामने आई हैं. खबरों के मुताबिक, ये एक मोडिफाइड बस थी, यानी बस की बॉडी में बदलाव कर इसमें एक्स्ट्रा क्लोथिंग और फाइबर लगाया गया था, जो बेहद ज्वलनशील होता है. बस में कोई अतिरिक्त दरवाजा नहीं था, ऐसे में ज्यादा लोगों को भागने का मौका नहीं मिला.
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बस की डिग्गी में पटाखे रखे होने की बात
ऐसी खबरें हैं कि बस की डिग्गी में पटाखे रखे हुए थे, लेकिन इसकी अभी पुष्टि नहीं हुई है. बस में आग लगने के बाद यात्रियों की बदकिस्मती थी कि दरवाजा नहीं खुला और ज्यादा लोग भागकर जान नहीं बचा पाए. कुछ खिड़की तोड़कर बाहर कूदने में सफल रहे. जेसीबी के जरिये बाद में दरवाजे को तोड़कर बचावकर्मी अंदर घुसे. आग लगने की सूचना मिलने के बाद फायरब्रिगेड 50 मिनट बाद घटनास्थल पर पहुंची. लेकिन तब तक बस जलकर खाक हो चुकी थी. जैसलमेर में बर्न आईसीयू न होने के कारण ग्रीन कॉरिडोर बनाकर उन्हें आनन-फानन में जोधपुर ले जाया गया.
जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर हादसा
जानकारी जैसलमेर-जोधपुर राजमार्ग पर बस के पिछले हिस्से से धुआं निकलने लगा. चालक ने बस को सड़क किनारे रोका. कुछ ही पलों में आग ने पूरी बस को चपेट में ले लिया. आग की लपटों में घिरी बस से यात्रियों की चीख पुकार के बीच स्थानीय लोग और राहगीर मौके पर पहुंचे. सेना के जवान और फायर ब्रिगेड भी सूचना पाकर मौके पर पहुंची. घायल यात्रियों को इलाज के लिए जैसलमेर के जवाहर अस्पताल ले जाया गया. गंभीर रूप से जख्मी 16 यात्रियों को जोधपुर के एक अस्पताल में रेफर किया गया था.
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पोकरण से भाजपा विधायक प्रताप पुरी ने कहा कि बस में 19 यात्रियों की मौत हो गई और एक ने जोधपुर ले जाते समय रास्ते में दम तोड़ दिया. जैसलमेर से रवाना होने के 10 मिनट बाद ही बस में आग लग गई. हादसे की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा मंगलवार रात ही जैसलमेर पहुंचे थे. जैसलमेर जिला प्रशासन ने हादसे की सूचना मिलते ही उसने तुरंत राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया. तत्काल चिकित्सा सुविधा के साथ हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया.