अमेरिकी टैरिफ के दबाव और वैश्विक व्यापार अस्थिरता के बीच भी भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत रफ्तार से आगे बढ़ रही है। EY (Ernst & Young) की एक ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, भारत 2038 तक परचेजिंग पावर पैरिटी (PPP) के आधार पर अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।
मौजूदा समय में भारत की स्थिति
- भारत वर्तमान में चीन और अमेरिका के बाद PPP के आधार पर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
- वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का GDP (PPP आधार पर) 14.2 लाख करोड़ डॉलर रहा।
- यह भारत की मार्केट एक्सचेंज रेट (MER) पर आंकी गई अर्थव्यवस्था से लगभग 3.6 गुना बड़ा है।
- रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का GDP (PPP) 2030 तक 20.7 लाख करोड़ डॉलर और 2038 तक 34.2 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच सकता है।
भारत की ताकत और ग्रोथ के कारण
EY का कहना है कि भारत अपनी मजबूत जनसांख्यिकीय (Demographics) और आर्थिक संरचना की वजह से वैश्विक अस्थिरता के बावजूद तेजी से आगे बढ़ रहा है।
भारत की प्रमुख ताकतें:
- युवा और कुशल कार्यबल – भारत की जनसंख्या का बड़ा हिस्सा वर्किंग एज ग्रुप में है।
- उच्च बचत और निवेश दर – घरेलू निवेश लगातार बढ़ रहा है, जो आर्थिक विकास की रीढ़ है।
- मजबूत ऋण प्रोफाइल (Debt Profile) – भारत का सरकारी और कॉर्पोरेट ऋण कई विकसित देशों की तुलना में स्थिर है।
- टेक्नोलॉजी और इनोवेशन – डिजिटल इंडिया, UPI, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मैन्युफैक्चरिंग में तेजी से प्रगति।
- बढ़ती घरेलू खपत – भारत का बड़ा और तेजी से समृद्ध होता मध्यवर्ग घरेलू खपत का मुख्य इंजन है।
EY इंडिया के चीफ पॉलिसी एडवाइजर डी.के. श्रीवास्तव का कहना है, “भारत आवश्यक प्रौद्योगिकियों में क्षमताएं विकसित कर रहा है। युवा कार्यबल, बचत दर और मजबूत आर्थिक आधार हमें ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य की ओर तेजी से ले जाएंगे।”
अमेरिका के टैरिफ और भारत पर असर
हाल ही में अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर 50% टैरिफ लगा दिया है। इसका असर कई सेक्टर्स पर देखने को मिल सकता है।
- EY की रिपोर्ट के अनुसार, इसका असर भारत की GDP पर 0.9% तक हो सकता है।
- यदि मांग में कमी का असर सीमित रहा, तो यह प्रभाव केवल 0.3% तक रह सकता है।
- सही नीतिगत कदम उठाने पर इसे और घटाकर 0.1% तक सीमित किया जा सकता है।
किन भारतीय सेक्टर्स को झटका?
अमेरिकी हाई टैरिफ भारतीय निर्यात के 48 अरब डॉलर से ज्यादा मूल्य के उत्पादों को प्रभावित करेगा। इसमें शामिल हैं:
- वस्त्र (Textiles)
- रत्न एवं आभूषण (Gems & Jewellery)
- झींगा और मछली निर्यात (Shrimp & Marine Products)
- चमड़ा और फुटवियर (Leather & Footwear)
- रसायन (Chemicals)
- पशु उत्पाद (Animal Products)
- मशीनरी और इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट
दवा (Pharma), ऊर्जा (Energy) और कुछ इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स इस टैरिफ से बाहर रखे गए हैं।
भारत कब बनेगा तीसरी सबसे बड़ी MER अर्थव्यवस्था?
EY का अनुमान है कि भारत 2028 तक जर्मनी को पछाड़कर मार्केट एक्सचेंज रेट्स के आधार पर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इसका मतलब है कि केवल PPP ही नहीं, बल्कि सामान्य बाजार विनिमय दरों पर भी भारत की ताकत तेजी से बढ़ रही है।
2047 का विजन – विकसित भारत
भारत सरकार का लक्ष्य है कि 2047 तक भारत एक विकसित राष्ट्र बने। इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर, डिजिटलाइजेशन, मैन्युफैक्चरिंग और क्लीन एनर्जी सेक्टर्स में बड़े सुधार किए जा रहे हैं।
- भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम दुनिया में तीसरे नंबर पर है।
- ग्रीन एनर्जी और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी भारत की ग्रोथ को और स्थायी बना रहे हैं।
- ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ नीतियां घरेलू उत्पादन को बढ़ावा दे रही हैं।
नतीजा
अमेरिकी टैरिफ और वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था अपनी मजबूती के दम पर आगे बढ़ रही है। EY की रिपोर्ट साफ संकेत देती है कि यदि भारत मौजूदा 6.5% की औसत ग्रोथ रेट बनाए रखता है, तो अगले 13 सालों में (2038 तक) भारत अमेरिका को पछाड़कर दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। (EY Global)
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