काठमांडू: नेपाल की राजधानी काठमांडू में सोमवार को युवा सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे. सरकार के खिलाफ युवाओं का यह प्रदर्शन उनके उस फैसले के खिलाफ है, जिसके तहत नेपाल में सोशल मीडिया पर बैन लगाया गया है. सरकार के इस फैसले को लेकर युवाओं में काफी गुस्सा है. इस प्रदर्शन में शामिल युवा भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के खिलाफ भी अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं. उनका मानना है कि देश की मौजूदा सरकार भ्रष्टाचार और बेरोजगारी जैसे मुद्दे से निपटने के लिए कुछ नहीं कर रही है.
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आपको बता दें कि नेपाल की मौजूदा सरकार ने सोशल मीडिया पर लगे बैन को हटाने के लिए एक शर्त रख दी है. सरकार का कहना है कि सोशल मीडिया पर लगा ये बैन तभी हटेगा जब कंपनियां नेपाल में अपना ऑफिस खोलेंगी. साथ ही सरकार के समक्ष अपना पंजीकरण कराएंगी और गड़बड़ी रोकने के लिए सिस्टम बनाएंगे.
कई इलाकों में लागू किया गया कर्फ्यू
राजधानी काठमांडू में उग्र प्रदर्शन और बिगड़ते हालात को देखते हुए प्रशासन ने कई इलाकों में कर्फ्यू लगाने की घोषणा कर दी है. अभी तक युवाओं ने संसद भवन को घेर लिया है. युवाओं के प्रदर्शन को देखते हुए अतिरिक्त सुरक्षा बलों की भी तैनाती की गई है. युवाओं के प्रदर्शन के बीच नेपाल की सरकार अपने अधिकारियों के साथ हाई लेवल मीटिंग कर रही है.
प्रदर्शनकारियों पर दागे गए आंसू गैस के गोले
काठमांडू में युवाओं का प्रदर्शन हर बीतते घंटे के साथ और बढ़ता जा रहा है. हजारों की संख्या में युवा सरकार के खिलाफ सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं. इन प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए सुरक्षा बल हर तरह की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन प्रदर्शनकारी लागातर उग्र होते दिख रहे हैं. प्रदर्शनकारियों को उग्र होता है देख पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे हैं.
जगह-जगह की गई बैरिकेडिंग
प्रदर्शनकारियों के उग्र प्रदर्शन को देखते हुए अलग-अलग इलाकों और खासकर पीएम आवास व अन्य बड़े नेताओं और अफसरों के आवास के बाहर बैरिकेडिंग की गई है. पुलिस लगातार कोशिश कर रही है कि कैसे भी करके प्रदर्शनकारियों को रोका जा सके. सूत्र बता रहे हैं कि अगर हालात काबू में नहीं आए तो सेना को भी बुलाया जा सकता है.
आपको बता दें कि नेपाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगा दिया है. जिसके बाद नेपाल में फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और एक्स को बंद किया जा रहा है. ये फैसला सरकार की तरफ से दी गई एक हफ्ते की डेडलाइन पूरी होने के बाद लिया गया है, इससे पहले नेपाल सरकार ने सभी कंपनियों को एक हफ्ते में रजिस्ट्रेशन करने का वक्त दिया था.