Ganesh Sthapana Vidhi : भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाए जाने वाले गणेश चतुर्थी पर भक्त शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित कर विधि-विधान से पूजा करते हैं। प्रतिमा स्थापना के दौरान कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है, जिससे शुभ फल की प्राप्ति होती है।
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाने वाला गणेश चतुर्थी 2025 पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा। इस वर्ष यह शुभ पर्व 27 अगस्त को पड़ रहा है। इसी दिन से गणेश उत्सव की शुरुआत होती है, जो कई राज्यों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। परंपरा के अनुसार, भगवान गणेश की प्रतिमा को शुभ मुहूर्त में विधि-विधान और नियमों के साथ घर या पंडाल में स्थापित करना बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और भक्तों को गणपति बप्पा की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
आइए विस्तार से जानते हैं गणेश जी की स्थापना विधि और नियम –
गणेश जी की मूर्ति स्थापित करने का शुभ समय (Muhurat)
मान्यता है कि भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर दोपहर के समय ही भगवान गणेश का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन अभिजीत मुहूर्त में गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करना सबसे शुभ माना जाता है।
इस बार शुभ मुहूर्त सुबह 10:46 बजे से दोपहर 12:20 बजे तक रहेगा। इसी समय गणपति बप्पा की प्रतिमा घर में स्थापित करनी चाहिए।
गणेश जी की मूर्ति घर लाते समय नियम
- गणेश चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद प्रतिमा लानी चाहिए।
- मूर्ति लाते समय उसकी आंखों पर लाल कपड़ा बांध दें और पूरे गाजे-बाजे के साथ घर में प्रवेश कराएं।
- प्रतिमा का स्वागत करते समय फूलों की वर्षा और जयकारे करना बेहद शुभ माना जाता है।
मूर्ति स्थापित करने से पहले के नियम
- घर में उत्तर दिशा में गणपति जी की प्रतिमा स्थापित करना श्रेष्ठ माना जाता है।
- ध्यान रखें कि मूर्ति का मुख आपकी ओर हो, प्रतिमा का पिछला भाग दिखाई न दे।
- जिस स्थान पर मूर्ति स्थापित करनी है, वहां पहले स्वास्तिक बनाएं और उस पर चावल व पुष्प अर्पित करें।
गणेश जी की मूर्ति कितने दिन रखें?
सामान्यतः गणेश उत्सव 10 दिनों तक मनाया जाता है और 11वें दिन विसर्जन किया जाता है। हालांकि, गणपति स्थापना डेढ़, 5, 7, 11 या 21 दिनों के लिए भी की जाती है। उदाहरण के तौर पर मुंबई के अंधेरी में एक पंडाल में मनोकामना पूर्ण होने पर 21 दिनों तक गणपति जी की प्रतिमा स्थापित की जाती है।
गणेश जी की स्थापना की विधि
- सबसे पहले पूजा स्थल को अच्छी तरह साफ कर लें और गंगाजल छिड़कें।
- लकड़ी की चौकी पर लाल या पीले कपड़े बिछाकर स्वास्तिक बनाएं और उस पर चावल व पुष्प रखें।
- गणपति बप्पा की प्रतिमा और कलश को पूर्व दिशा में रखें।
- इसके बाद गणपति जी के नामों का जाप करें और धूप, दीप, पुष्प, अक्षत से पूजा करें।
- पूजा के अंत में घी का दीपक जलाकर आरती करें और भगवान गणेश के मंत्रों का जाप करें।
- गणपति बप्पा को 21 मोदक का भोग अर्पित करें और फिर प्रसाद को भक्तों में बांटें।
- व्रत रखने वाले भक्त संकल्प के समय हाथ में चावल और पुष्प लेकर मंत्र –
“मम सर्वकर्मसिद्धये सिद्धिविनायकपूजनमहं करिष्ये” का जाप करें।
निष्कर्ष
गणेश चतुर्थी 2025 पर यदि आप भी घर में गणपति बप्पा को विराजमान करने जा रहे हैं, तो ऊपर बताए गए गणेश स्थापना नियम और विधि का पालन अवश्य करें। मान्यता है कि विधिपूर्वक पूजा और नियमों का ध्यान रखने से भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
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