लंबे समय से बिकवाली के दौर से गुजर रहे भारतीय शेयर बाजार में अब फिर से विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की वापसी देखी जा रही है। अक्टूबर 2025 की शुरुआत में ही विदेशी निवेशकों ने लगभग ₹3,000 करोड़ का निवेश भारतीय इक्विटी बाजार में किया है। यह संकेत देता है कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच भारत अब निवेश के लिए एक भरोसेमंद और आकर्षक बाजार बनता जा रहा है।
FII की वापसी से बाजार में नई जान
सितंबर तक लगातार बिकवाली के चलते बाजार में सुस्ती छाई हुई थी, लेकिन अक्टूबर के पहले दो हफ्तों में विदेशी निवेशकों ने फिर से रुख बदला। उन्होंने बैंकिंग, आईटी, और ऊर्जा क्षेत्रों में भारी निवेश किया। इसके परिणामस्वरूप सेंसेक्स 600 अंकों से अधिक चढ़ा, जबकि निफ्टी 50 ने 22,500 का स्तर पार कर लिया।
क्यों लौटे विदेशी निवेशक भारत की ओर?
विशेषज्ञों का मानना है कि विदेशी निवेशकों की वापसी के पीछे कई प्रमुख कारण हैं —
मुद्रास्फीति पर नियंत्रण: भारत में महंगाई दर घटकर 4.8% के आसपास बनी हुई है।
मजबूत आर्थिक विकास: IMF और RBI दोनों ने भारत की GDP ग्रोथ अनुमान को 7% से ऊपर बनाए रखा है।
RBI की स्थिर मौद्रिक नीति: ब्याज दरों में स्थिरता ने विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है।
वैश्विक मंदी का डर: अन्य एशियाई बाजारों की तुलना में भारत ने स्थिरता दिखाई है।
कौन से सेक्टर बने आकर्षण का केंद्र
विदेशी निवेशकों ने मुख्य रूप से बैंकिंग, ऑटो, फार्मा, और टेक सेक्टर में पूंजी लगाई है। इन क्षेत्रों में आने वाले तिमाही नतीजों को लेकर बाजार में सकारात्मक रुझान देखा जा रहा है। साथ ही, सरकारी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स और डिजिटल इकोनॉमी में तेजी से विकास ने भी निवेश को बढ़ावा दिया है।
विशेषज्ञों की राय
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह ट्रेंड जारी रहा, तो दिवाली तक सेंसेक्स 80,000 अंक के पार जा सकता है। हालांकि, वैश्विक ब्याज दरों और अमेरिकी चुनावी परिदृश्य पर नजर रखना अभी भी जरूरी रहेगा।