पर्सनल लोन लेना आज के समय में कोई नई बात नहीं है। चाहे मेडिकल इमरजेंसी हो, शादी का खर्च, ट्रैवल प्लान या फिर कोई बड़ा गैजेट खरीदना हो, पर्सनल लोन एक आसान विकल्प बन चुका है। लेकिन अक्सर ऐसा देखा गया है कि एक अच्छी सैलरी पाने वाला व्यक्ति भी, जिसकी नियमित आमदनी है, उसका लोन एप्लीकेशन बैंकों या NBFCs द्वारा रिजेक्ट कर दिया जाता है। क्या कभी आपने सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? क्या वजह क्रेडिट स्कोर होती है, या कहीं डॉक्यूमेंटेशन में कमी रह जाती है? क्या नौकरी की स्थिरता पर असर पड़ता है या EMI का बोझ पहले से ही ज्यादा है? जी नहीं, हम कुछ ऐसी गलतियां करते हैं जो एप्लीकेशन रिजेक्ट होने की वजह बनती हैं।
खराब क्रेडिट स्कोर
आपका क्रेडिट स्कोर आपके वित्तीय स्वास्थ्य का रिपोर्ट कार्ड है। अगर आपका CIBIL स्कोर 700 से कम है, तो बैंक आपको एक जोखिम भरा ग्राहक मान सकते हैं। इसकी मुख्य वजहें हैं-समय पर EMI या क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान न करना। पुराने लोन में डिफॉल्ट करना। क्रेडिट कार्ड की पूरी लिमिट का उपयोग करना। ये सभी आदतें आपके स्कोर को नुकसान पहुंचाती हैं और सीधे तौर पर लोन रिजेक्शन का कारण बनती हैं।
नौकरी में अस्थिरता
हीरो फिन्कॉर्प के मुताबिक, बैंक यह देखना चाहते हैं कि आपकी आय की स्थिरता बनी रहेगी। अगर आप बार-बार कम समय में नौकरी बदलते हैं, तो यह आपकी आय की स्थिरता पर सवाल उठाता है। अधिकांश वित्तीय संस्थान उन आवेदकों को प्राथमिकता देते हैं जो कम से कम एक साल से वर्तमान कंपनी में कार्यरत हैं। अगर आप एक ही क्षेत्र में लंबे समय से काम कर रहे हैं, तो यह आपकी विश्वसनीयता को बढ़ाता है।
पहले से मौजूद भारी कर्ज
आपकी डेट-टू-इनकम रेश्यो यानी आपकी मासिक आय और EMI का अनुपात लोन अप्रूवल में बेहद खास भूमिका निभाता है। अगर आपकी आय का 40-50% हिस्सा पहले से ही ईएमआई या बिल में जा रहा है, तो नया लोन मिलने की संभावना बहुत कम हो जाती है, भले ही आपकी सैलरी अच्छी हो।
मांग से ज्यादा लोन राशि
अपनी आय की क्षमता से कहीं ज्यादा लोन की मांग करना भी रिजेक्शन की एक वजह है। अगर आपकी सैलरी ₹50,000 है और आप पहले से ही ₹10,000 की EMI दे रहे हैं, तो बैंक शायद ही आपको ₹20,000 की नई EMI वाला लोन दे। बैंक आपकी चुकाने की क्षमता का आकलन करते हैं।
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न्यूनतम आय की शर्त को पूरा न करना
हर बैंक या फाइनेंस कंपनी की अपनी न्यूनतम आय की शर्तें होती हैं। अगर आप इन शर्तों को पूरा नहीं करते हैं, तो आपका लोन रिजेक्ट हो सकता है। आमतौर पर, मेट्रो शहरों में ₹25,000 और छोटे शहरों में ₹15,000 से कम आय वाले आवेदकों का लोन रिजेक्ट हो सकता है, भले ही उनका क्रेडिट स्कोर अच्छा हो।
अधूरे या गलत दस्तावेज
डॉक्यूमेंट्स में कमी या उनमें दी गई जानकारी का गलत होना आपके एप्लीकेशन को तुरंत रिजेक्ट करवा सकता है। सैलरी स्लिप, पैन कार्ड, आधार कार्ड, एड्रेस प्रूफ और जॉब वेरिफिकेशन जैसे दस्तावेजों में किसी भी तरह की गड़बड़ी होने पर आपका आवेदन सीधे तौर पर कैंसिल हो जाता है।
एक साथ कई जगह आवेदन करना
एक ही समय में कई बैंकों/संस्थानों में लोन के लिए आवेदन करना यह दर्शाता है कि आप वित्तीय रूप से कमजोर हैं या बहुत जल्दबाजी में हैं। हर एप्लीकेशन पर आपकी CIBIL रिपोर्ट पर हार्ड इंक्वायरी होती है, जिससे आपका स्कोर 5-10 अंक तक गिर सकता है। यह व्यवहार बैंकों की नजर में एक ‘रेड फ्लैग’ माना जाता है।