रायपुर : छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित DMF घोटाला केस में ED ने 4 करोड़ रुपए नकद और 10 किलो चांदी की ईंटें बरामद की हैं। इसके साथ ही कई संदिग्ध दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस भी जब्त किए गए हैं। ED को इन दस्तावेजों में भ्रष्टाचार और अवैध लेन-देन से जुड़े कई अहम सबूत मिले हैं।
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रायपुर जोनल ऑफिस की ED टीम ने 3 और 4 सितंबर को राज्यभर में 28 ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की थी। ED की अलग-अलग टीमें धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) 2002 के तहत रायपुर, दुर्ग, भिलाई और गरियाबंद में दबिश दी थी। ED के मुताबिक 2 दिनों तक चली जांच में ठेकेदारों, वेंडर्स और लाइजनरों के दफ्तरों और आवासों को खंगाला गया। ये सभी आरोपी छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड (बीज निगम) से जुड़े हुए हैं। ED के मुताबिक DMF घोटाले की परतें इन्हीं नेटवर्क के जरिए खुल रही हैं।
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ED के मुताबिक यह पूरी कार्रवाई FIR के आधार पर शुरू की है, जिसे छत्तीसगढ़ पुलिस ने दर्ज की थी। इन FIR में ठेकेदारों, वेंडर्स और सरकारी अधिकारियों पर आरोप लगाए गए थे। खनन प्रभावित इलाकों के लिए बनी DMF राशि का दुरुपयोग किया गया। साथ ही इसे घोटाले में बदल दिया गया। जांच में सामने आया कि बीज निगम के जरिए DMF की करोड़ों की राशि खर्च दिखाकर हेरफेर किया गया। वेंडर्स और ठेकेदारों को कृषि उपकरण, पल्वराइज़र, मिनी दाल मिल और बीज सप्लाई करने के नाम पर ठेके दिए गए।
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इन ठेकों पर 40 से 60% तक कमीशन वसूला गया, जिसे लाइजनरों के जरिए अफसरों और नेताओं तक पहुंचाया जाता था। ED के मुताबिक सिर्फ इसी प्रक्रिया में करीब 350 करोड़ रुपए की DMF राशि के दुरुपयोग का अंदेशा है।