चुनाव में नामांकन क्यों होता है रद्द? जानिए 10 बड़ी वजहें जिनसे खत्म हो सकती है उम्मीदवारी
चुनाव में नामांकन रद्द होने के कानूनी और तकनीकी कारण: हर उम्मीदवार को जानना जरूरी
भारत में चुनाव लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव माना जाता है। हर उम्मीदवार अपने क्षेत्र से जीत दर्ज करने और जनता की सेवा करने का सपना लेकर मैदान में उतरता है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि किसी उम्मीदवार का नामांकन पत्र (Nomination Paper) ही रद्द हो जाता है। ऐसे में उसकी उम्मीदवारी चुनाव आयोग द्वारा समाप्त कर दी जाती है।
यह स्थिति केवल तकनीकी गलती से ही नहीं बल्कि कई कानूनी कारणों से भी उत्पन्न होती है। इसलिए यदि आप कभी चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं, तो इन कारणों को समझना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं 10 प्रमुख वजहें जिनसे चुनाव में नामांकन रद्द हो सकता है।
1. नामांकन पत्र में अधूरी या गलत जानकारी
सबसे आम कारण है नामांकन पत्र में अधूरी या गलत जानकारी देना। यदि उम्मीदवार ने अपनी व्यक्तिगत जानकारी, संपत्ति विवरण, आपराधिक मामले या शिक्षा संबंधी जानकारी अधूरी या गलत दी है, तो रिटर्निंग ऑफिसर नामांकन रद्द कर सकता है।
2. आवश्यक दस्तावेजों की कमी
नामांकन के साथ कई दस्तावेज़ लगाना जरूरी होता है — जैसे शपथ पत्र (Affidavit), नामांकन शुल्क की रसीद, और प्रस्तावक (Proposer) के हस्ताक्षर। यदि इनमें से कोई भी दस्तावेज़ अधूरा या गलत पाया गया, तो नामांकन अस्वीकार कर दिया जाता है।
3. नामांकन शुल्क का न जमा होना
हर उम्मीदवार को नामांकन करते समय निर्धारित फीस जमा करनी होती है। यदि फीस समय पर या सही तरीके से जमा नहीं की गई है, तो आयोग नामांकन रद्द कर देता है।
4. प्रस्तावक के हस्ताक्षर में त्रुटि
स्वतंत्र उम्मीदवारों को अपने नामांकन के साथ 10 प्रस्तावकों के हस्ताक्षर देने होते हैं, जबकि पार्टी उम्मीदवारों को एक प्रस्तावक की जरूरत होती है। यदि किसी भी प्रस्तावक का हस्ताक्षर फर्जी, अधूरा या अमान्य पाया गया, तो नामांकन खारिज हो सकता है।
5. आपराधिक रिकॉर्ड छिपाना
भारत के चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों के लिए यह आवश्यक कर दिया है कि वे अपने आपराधिक मामलों की जानकारी सार्वजनिक करें। यदि कोई उम्मीदवार जानबूझकर यह जानकारी छिपाता है, तो उसका नामांकन तुरंत रद्द किया जा सकता है।
6. उम्र का गलत होना या पात्रता की कमी
लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए न्यूनतम आयु क्रमशः 25 वर्ष और 21 वर्ष तय की गई है। यदि कोई व्यक्ति इस आयु सीमा को पूरा नहीं करता, या उसकी नागरिकता पर सवाल है, तो उसकी उम्मीदवारी समाप्त कर दी जाती है।
7. दो स्थानों से एक साथ नामांकन
कई बार उम्मीदवार गलती से या रणनीतिक कारणों से एक ही चुनाव में दो जगह से नामांकन कर देते हैं। लेकिन यदि यह नियमों का उल्लंघन करता पाया गया, तो चुनाव आयोग नामांकन रद्द कर सकता है।
8. असत्य या फर्जी दस्तावेज लगाना
यदि किसी उम्मीदवार ने अपने नामांकन के साथ फर्जी प्रमाणपत्र, जाली डिग्री या झूठा निवास प्रमाण पत्र लगाया है, तो उसकी उम्मीदवारी तुरंत निरस्त कर दी जाती है।
9. निर्धारित समय सीमा में दस्तावेज न देना
चुनाव आयोग नामांकन पत्र दाखिल करने की स्पष्ट समय सीमा तय करता है। यदि कोई उम्मीदवार समय सीमा समाप्त होने के बाद फॉर्म या दस्तावेज जमा करता है, तो उसे स्वीकार नहीं किया जाता।
10. निर्वाचन खर्च या नियमों का उल्लंघन
यदि किसी उम्मीदवार ने पहले के किसी चुनाव में निर्वाचन खर्च का सही विवरण नहीं दिया था, या चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया था, तो आयोग उसकी उम्मीदवारी पर रोक लगा सकता है।
निष्कर्ष: सावधानी ही सफलता की कुंजी
नामांकन रद्द होना केवल एक कानूनी प्रक्रिया नहीं, बल्कि उम्मीदवार की राजनीतिक यात्रा का एक बड़ा झटका है। इसलिए हर उम्मीदवार को चाहिए कि वह चुनाव आयोग के सभी नियमों, दिशानिर्देशों और फॉर्मेट को ध्यान से पढ़े और समय पर पूरा करे।
भारत के चुनाव आयोग का


