देशभर में सुर्खियां बटोर रहे कफ सिरप कांड (Cough Syrup Scandal) में बड़ा खुलासा हुआ है।फैक्ट्री सील होने के बाद अब पहली बार उस फार्मास्यूटिकल कंपनी का नाम सामने आया है,जिसके सिरप से कथित रूप से कई बच्चों की तबीयत बिगड़ने की खबरें आई थीं।सरकार ने तुरंत इस मामले की जांच का आदेश देते हुए पूरी रिपोर्ट तलब की है।
फैक्ट्री सील होने के बाद खुला राज़
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कुछ दिन पहले हरियाणा स्थित एक दवा निर्माण फैक्ट्री को गंभीर गुणवत्ता त्रुटियों के चलते सील कर दिया था।तब तक कंपनी का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया था,लेकिन अब जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि संबंधित कंपनी “Mediwell Pharma Pvt. Ltd.” के नाम से रजिस्टर्ड है।फैक्ट्री में सैंपल जांच के दौरान कई तकनीकी खामियां पाई गईं।
सैंपल रिपोर्ट में गंभीर गड़बड़ियां
जांच अधिकारियों के अनुसार, कफ सिरप के बैच में हानिकारक तत्वों की मात्रा अनुमन्य सीमा से अधिक पाई गई।इन सैंपलों को अब केंद्रीय ड्रग्स प्रयोगशाला (CDL) में दोबारा परीक्षण के लिए भेजा गया है।प्राथमिक रिपोर्ट में यह भी संकेत मिले हैं कि प्रोडक्शन और लेबलिंग प्रक्रिया में कई नियमों का उल्लंघन हुआ है।
सरकार ने ली सख्त कार्रवाई की पहल
स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कंपनी के लाइसेंस को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है।केंद्रीय औषधि नियामक (CDSCO) ने राज्य अधिकारियों से सात दिन के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।सरकार ने यह भी कहा है कि दोषी पाए जाने पर कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता
इस मामले की गूंज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सुनाई दे रही है।पिछले कुछ वर्षों में भारत से निर्यात किए गए कुछ सिरप पर विदेशी देशों ने गुणवत्ता को लेकर आपत्ति जताई थी।इस घटना के बाद भारत की फार्मा इंडस्ट्री की साख पर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं।
विशेषज्ञों की राय
- फार्मा एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह घटना क्वालिटी कंट्रोल सिस्टम में खामियों की ओर इशारा करती है।विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि सरकार को दवा निर्माण इकाइयों की सख्त निगरानी औरकच्चे माल की गुणवत्ता परीक्षण प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाना चाहिए।