डोंगरगढ़: नवोदय विद्यालय में कक्षा छठवीं में पढ़ने वाले एक मेधावी दिव्यांग छात्र के साथ सहपाठियों द्वारा लगातार प्रताड़ना और अमानवीय व्यवहार किए जाने का मामला उजागर हुआ है. छात्र के पिता ने इस संबंध में एसडीएम और तहसीलदार को लिखित शिकायत दी है, जिसके बाद प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है. शिकायत में पिता ने आरोप लगाया है कि विद्यालय के सीनियर छात्रों ने उनके बेटे को आत्महत्या के लिए मजबूर किया.
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सहपाठियों ने गले में रस्सी डालकर उसे पंखे से लटकने को कहा और धमकी दी कि अगर उसने ऐसा नहीं किया तो उसका गला दबाकर मार दिया जाएगा. हाल ही में हुई घटना का जिक्र करते हुए पिता ने बताया कि सहपाठियों ने उनके बेटे को रस्सी पकड़ाकर कहा कि “फांसी लगा लो या फिर यहां से भाग जाओ.” गनीमत रही कि मौके पर मौजूद केयरटेकर ने समय रहते उसके गले से रस्सी निकाल दी, वरना बड़ी अनहोनी हो सकती थी.
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पिता ने आगे बताया कि बच्चे को लगातार शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया. कभी उसकी कॉपियां चोरी कर ली जातीं, कभी बिस्तर पर पानी और मिट्टी डाल दी जाती. उसके खाने-पीने के बर्तन और चप्पल तक बाहर फेंक दिए जाते. इतना ही नहीं, सहपाठियों ने उसे यह भी धमकी दी कि अगर उसने घर या किसी शिक्षक को इसकी जानकारी दी तो उस पर पचास हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा