डिजिटल युग में जहां ऑनलाइन सेवाओं ने जीवन को सरल बनाया है, वहीं साइबर अपराध ने आम नागरिकों की सुरक्षा के सामने नई चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं। इसी समस्या से निपटने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साई ने राज्यव्यापी Cyber Security जागरूकता अभियान की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य लोगों को ऑनलाइन ठगी, डेटा चोरी और डिजिटल अपराधों से बचाव के तरीकों के प्रति जागरूक बनाना है।
छत्तीसगढ़ में डिजिटल सुरक्षा की नई शुरुआत
रायपुर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने ‘Cyber Security जागरूकता वैन’ को हरी झंडी दिखाकर राज्यभर में भेजा। यह वैन अगले कुछ महीनों तक छत्तीसगढ़ के सभी 33 जिलों का भ्रमण करेगी और नागरिकों को ऑनलाइन फ्रॉड से बचाव, सुरक्षित पासवर्ड उपयोग, फिशिंग ईमेल की पहचान, और सुरक्षित डिजिटल ट्रांजैक्शन जैसे विषयों पर जानकारी देगी। इस वैन में ऑडियो-विजुअल माध्यम से साइबर अपराध के वास्तविक उदाहरण, ठगी के तरीके और उनसे बचने के उपाय बताए जाएंगे ताकि लोग आसानी से समझ सकें और जागरूक बनें।
बढ़ते साइबर अपराधों पर नियंत्रण की दिशा में कदम
छत्तीसगढ़ में बीते कुछ वर्षों में ऑनलाइन ठगी, बैंक फ्रॉड और सोशल मीडिया हैकिंग के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है। साइबर पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में हर महीने औसतन सैकड़ों शिकायतें दर्ज की जा रही हैं। इन अपराधों पर रोक लगाने के लिए सरकार ने न केवल तकनीकी संसाधनों को बढ़ाने का फैसला किया है, बल्कि जनजागरूकता को सबसे प्रभावी हथियार माना है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साई ने कहा, “जब जनता खुद जागरूक होगी, तभी साइबर अपराधियों के मंसूबे नाकाम होंगे।”
युवा पीढ़ी और छात्रों पर विशेष फोकस
यह अभियान विशेष रूप से स्कूलों, कॉलेजों और युवाओं पर केंद्रित है, जो इंटरनेट और सोशल मीडिया का सबसे अधिक उपयोग करते हैं। वैन टीम विभिन्न शिक्षण संस्थानों में जाकर छात्रों को बताएगी कि वे किस प्रकार सुरक्षित ऑनलाइन व्यवहार अपना सकते हैं। साथ ही, फेक लिंक, OTP फ्रॉड, और फर्जी लॉटरी स्कैम जैसे मामलों पर भी चर्चा की जाएगी ताकि युवा वर्ग सतर्क रह सके।
पुलिस और बैंकिंग संस्थानों की भूमिका
साइबर अपराधों से निपटने के लिए राज्य सरकार ने पुलिस और बैंकिंग संस्थानों के बीच समन्वय बढ़ाने का निर्णय लिया है। अब हर जिले में साइबर हेल्प डेस्क और 24×7 हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध कराया जाएगा, जहाँ नागरिक किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट कर सकेंगे। इसके अलावा, बैंकिंग कर्मियों और सरकारी कर्मचारियों को भी साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण देने की योजना बनाई गई है, ताकि वे खुद सुरक्षित रहकर जनता की मदद कर सकें।
प्रधानमंत्री के ‘डिजिटल इंडिया’ विज़न से तालमेल
यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘डिजिटल इंडिया, सुरक्षित इंडिया’ विज़न के अनुरूप है। सरकार का उद्देश्य है कि हर नागरिक डिजिटल सेवाओं का उपयोग आत्मविश्वास और सुरक्षा के साथ कर सके। छत्तीसगढ़ का यह कदम अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण बन सकता है कि कैसे तकनीक का सही उपयोग कर नागरिकों को जागरूक और सुरक्षित बनाया जा सकता है।


