Nepal में Gen Z सोशल मीडिया बैन से भड़के युवा
काठमांडू: Nepal में Gen Z हाल ही में लगाए गए सोशल मीडिया प्रतिबंध ने देशभर में भारी बवाल खड़ा कर दिया। खासकर Gen Z युवा वर्ग ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया और सड़कों पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन शुरू कर दिए।
हिंसक हुआ आंदोलन, संसद भवन में आगजनी
जैसे-जैसे विरोध प्रदर्शन तेज हुए, यह आंदोलन हिंसक रूप लेने लगा। राजधानी काठमांडू समेत कई बड़े शहरों में सरकारी इमारतों, संसद भवन और मीडिया संस्थानों में आगजनी हुई। सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों में 19 से अधिक लोगों की मौत हो गई, जबकि सैकड़ों घायल हुए।
#WATCH | Nepal: Plumes of smoke continue to rise from the Nepali media outlet Kantipur media group’s headquarters, which was set on fire yesterday as the protest turned violent in Kathmandu.
The Nepali PM KP Sharma Oli resigned yesterday amid demonstrations against the… pic.twitter.com/F4LAb8M4lO
— ANI (@ANI) September 10, 2025
सेना की तैनाती और कर्फ्यू
स्थिति बिगड़ने पर सरकार को राजधानी में सेना तैनात करनी पड़ी और कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया। इसके बावजूद प्रदर्शनकारियों ने भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के खिलाफ नारेबाज़ी जारी रखी।
प्रधानमंत्री ओली का इस्तीफ़ा
बढ़ते जनदबाव और उग्र होते प्रदर्शनों को देखते हुए प्रधानमंत्री K.P. शर्मा ओली ने इस्तीफ़ा दे दिया। इस्तीफ़े के बाद सरकार ने सोशल मीडिया बैन भी हटा लिया, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह आंदोलन अब सिर्फ प्रतिबंध तक सीमित नहीं है—युवा वर्ग नेपाल की राजनीति में गहरे सुधार चाहता है।
आगे क्या?
पत्रकारों और राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह आंदोलन Nepal की लोकतांत्रिक यात्रा का नया अध्याय साबित हो सकता है। Gen Z की यह आवाज़ भविष्य में सत्ता संतुलन और नीतियों पर बड़ा असर डाल सकती है।
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