नई दिल्ली: दिल्ली के बीएमडब्ल्यू एक्सीडेंट मामले में पुलिस ने कार चलाने वाली महिला गगनप्रीत को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने गगनप्रीत से हॉस्पिटल में पूछताछ की और फिर उन्हें गिरफ्तार कर लिया. पुलिस जब गगनप्रीत को हॉस्पिटल से ले जा रही थी, तब वह व्हीलचेयर पर बैठी हुई थीं. दिल्ली कैंट मेट्रो स्टेशन के पास एक तेज़ रफ्तार BMW कार ने बाइक सवार दंपति को टक्कर मार दी थी. इस हादसे में नवजोत सिंह, जो वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग में उप सचिव के पद पर कार्यरत थे, की मौत हो गई. उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हैं और इलाज चल रहा है. बताया जाता है कि दोनों बंगला साहिब गुरुद्वारा से घर लौट रहे थे.
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दिल्ली पुलिस की जांच में अभी तक सामने आया है कि एक्सीडेंट के वक्त BMW को गगनप्रीत चला रही थी और उसका पति बगल की सीट पर बैठा था. टक्कर के बाद गाड़ी पलट गई, जबकि बाइक डिवाइडर के पास क्षतिग्रस्त हालत में मिली. गगनप्रीत और उसके पति को भी इस हादसे में चोट आई. नवजोत और उनकी पत्नी को गगनप्रीत के कहने पर एक्सीडेंट स्पॉट से लगभग 20 किलोमीटर दूर एक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. नवजोत की इस हादसे में मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हैं.
मेडिकल रिपोर्ट से छेड़छाड़ का संदेह
बीएमडब्ल्यू केस में पुलिस को मेडिकल रिपोर्ट से छेड़छाड़ का शक है, इसलिए आरोपी कार चालक महिला अपने पिता के हॉस्पिटल में घायल अफसर को लाई थी. आरोपी गगनप्रीत के पिता न्यू लाइफ हॉस्पिटल में पार्टनर भी हैं. पुलिस को शक है कि मेडिकल रिपोर्ट में छेड़छाड़ करने के लिए ही एक्सीडेंट के बाद वो घायलों को 19 किलोमीटर दूर लेकर गई थी. पुलिस ने इसलिए सबूतों से छेड़छाड़ करने की धारा भी लगाई है.
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नवजोत सिंह के बेटे ने बताया कि उनके माता-पिता बंगला साहिब गुरुद्वारा से लौट रहे थे और खाने के लिए कर्नाटक भवन में रुके थे. उन्होंने बताया, ‘जब यह हादसा हुआ, तब वे धौला कुआं होते हुए हरि नगर जा रहे थे. उन्हें पास के अस्पताल ले जाने के बजाय दुर्घटनास्थल से लगभग 22 किलोमीटर दूर एक अस्पताल ले जाया गया. मेरी मां के सिर में चोट आई, जबकि उन्होंने हेलमेट पहना हुआ था और उनकी जांघ की हड्डी टूट गई.’
बीएमडब्ल्यू एक्सीडेंट मामले में एक अहम गवाह के रूप में सामने आए कैब ड्राइवर गुलफाम ने बताया, ‘मैं उस वक्त धौलाकुआं की ओर से आ रहा था, तभी देखा कि सड़क पर अफरा-तफरी मची है और कुछ लोग जमीन पर पड़े हैं. ये देख मैंने तुरंत अपनी गाड़ी साइड में लगाई और लोगों की मदद से उन्हें गाड़ी में बिठाया.” महिला गगनप्रीत ने उससे कहा कि वह आजादपुर की तरफ चले. मैडम फोन पर किसी से बात कर रही थीं और उन्हें रेडी रहने को कह रही थीं, किस अस्पताल जाना है, यह बात उन्होंने मुझसे नहीं की.