भारत ने 6G टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक बड़ा कदम बढ़ाया है। Bharat 6G Alliance (B6GA) ने नौ अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के साथ मिलकर “Delhi Declaration” पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते का उद्देश्य एक सुरक्षित, समावेशी और सहयोगी 6G इकोसिस्टम तैयार करना है, जिससे भारत वैश्विक 6G नेतृत्व में प्रमुख भूमिका निभा सके।
क्या है “Delhi Declaration”?
“Delhi Declaration” एक अंतरराष्ट्रीय समझौता (Global Agreement) है जिसका मकसद विभिन्न देशों और टेक्नोलॉजी संस्थाओं के बीच 6G रिसर्च, डेवलपमेंट और नवाचार को बढ़ावा देना है। इस डिक्लेरेशन पर हस्ताक्षर करने वाले देशों ने मिलकर 6G नेटवर्क को —
सुरक्षित और भरोसेमंद, पर्यावरण-अनुकूल, और सबके लिए सुलभ बनाने का संकल्प लिया है।
भारत की भूमिका और लक्ष्य
भारत सरकार की पहल “Bharat 6G Mission” के तहत यह समझौता देश को डिजिटल टेक्नोलॉजी के भविष्य की दौड़ में आगे ले जाने की दिशा में एक अहम कदम है।
इस गठबंधन के जरिए भारत —
घरेलू स्टार्टअप्स और कंपनियों को 6G रिसर्च में सहयोग देगा। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में समान डिजिटल कनेक्टिविटी पर ध्यान देगा।विदेशी तकनीकी सहयोग से अंतरराष्ट्रीय 6G मानक (Standards) बनाने में भागीदारी करेगा।
तकनीकी सहयोग और नवाचार
“Delhi Declaration” के तहत भारत और अन्य देशों के बीच संयुक्त अनुसंधान केंद्र (Joint Research Centers) और टेक्नोलॉजी शेयरिंग प्रोग्राम्स शुरू किए जाएंगे। इससे भारतीय टेक कंपनियों और स्टार्टअप्स को ग्लोबल पार्टनर्स के साथ मिलकर नए 6G सॉल्यूशन्स पर काम करने का अवसर मिलेगा।
6G से क्या बदलेगा?
6G तकनीक 5G से कई गुना तेज होगी और इससे —
रीयल-टाइम कम्युनिकेशन, होलोग्राफिक ट्रांसमिशन, AI-पावर्ड नेटवर्क्स, और स्मार्ट सिटीज़ के ऑटोमेशन जैसे नए युग की शुरुआत होगी। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम भारत को डिजिटल सुपरपावर बनने की दिशा में मजबूत करेगा।