Raipur, Chhattisgarh: इस Independence day 2025 पर Bastar Sambhaag के 14 दूरदराज के आदिवासी गांवों में इतिहास रचा जाएगा।
जहां कभी नक्सलियों का दबदबा था और राष्ट्रीय पर्व मनाना नामुमकिन था, वहां अब पहली बार तिरंगा झंडा गर्व से लहराएगा। सुरक्षा बलों के नए कैंप स्थापित होने के बाद इन इलाकों में आज़ादी का असली स्वाद चखने का मौका ग्रामीणों को मिला है।
पहले काले झंडे, अब Tiranga
बीजापुर, नारायणपुर और सुकमा जिलों के ये गांव लंबे समय से नक्सली प्रभाव में थे। Independence day या Republic day के मौके पर यहां काले और लाल झंडे फहराए जाते थे। माओवादियों द्वारा पर्चे और बैनर लगाकर लोगों को चेतावनी दी जाती थी कि वे राष्ट्रीय पर्व न मनाएं। लेकिन इस बार नक्सलियों के कोई पर्चे नहीं बंटे और न ही समारोह रोकने की कोशिश हुई है।
सुरक्षा बलों की अहम भूमिका
बस्तर रेंज के आईजी पी. सुंदरराज ने बताया कि पैरामिलिट्री फोर्स, बस्तर पुलिस और ग्रामीण मिलकर गांव के केंद्रों पर तिरंगा फहराएंगे। इन 14 गांवों में हाल ही में सुरक्षा कैंप स्थापित किए गए हैं, जिससे यहां सुरक्षा, विकास और जनसंपर्क में तेजी आई है। इसके अलावा 15 अन्य गांव भी हैं जहां पिछले साल गणतंत्र दिवस मनाया गया था और अब वहां स्वतंत्रता दिवस का आयोजन होगा।
ग्रामीणों में उत्साह की लहर
ग्रामीणों में इस बार का independence day लेकर गजब का उत्साह है। आईजी सुंदरराज ने कहा, “यह हमारे लिए ऐतिहासिक क्षण है। हमने स्थानीय लोगों को सुरक्षा दी है और उनमें आत्मविश्वास पैदा किया है। अब वे गर्व से राष्ट्रीय पर्वों में भाग ले सकते हैं।”
युवा और बच्चों में खास जोश
गांव के युवा और बच्चे तिरंगा देखने के लिए बेहद उत्सुक हैं। सुरक्षा बलों के जवान भी ग्रामीणों के साथ मिलकर राष्ट्र के लोकतांत्रिक ताने-बाने को मजबूत करने के लिए तैयार हैं। इस बदलाव के साथ, बस्तर के इन गांवों में पहली बार आज़ादी का सच्चा जश्न मनाया जाएगा।
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