ढाका: भारत का पड़ोसी देश बांग्लादेश अब चीन से J-10C फाइटर जेट खरीदने की तैयारी कर रहा है। अंतरिम सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने मार्च 2025 में बीजिंग यात्रा के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से इन विमानों को खरीदने पर चर्चा की थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेश सरकार अपनी एयरफोर्स को आधुनिक बनाने के लिए 12 J-10C लड़ाकू विमान लेने पर विचार कर रही है।
चीन से बातचीत जारी
बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्ट प्रोथोम अलो के अनुसार, चीन और बांग्लादेश के बीच J-10C जेट्स को लेकर प्राथमिक स्तर की बातचीत शुरू हो चुकी है। सूत्रों का कहना है कि यूनुस की मांग पर चीन ने हरी झंडी दे दी है। यूनुस सरकार का मानना है कि भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए आधुनिक चीनी फाइटर जेट्स ज़रूरी हैं।
अमेरिका की चेतावनी
हालांकि, इस सौदे से अमेरिका खुश नहीं है। वॉशिंगटन ने ढाका को साफ चेतावनी दी है कि वह चीन के साथ सैन्य संबंध बनाने से बचे। अमेरिका का मानना है कि चीन-बांग्लादेश की नजदीकी एशिया की रणनीतिक स्थिति को और जटिल बना सकती है। अमेरिकी अधिकारियों ने कई बार ढाका से इस मुद्दे पर चिंता जताई है।
भारत के लिए खतरा?
चीन का J-10C फाइटर जेट चौथी पीढ़ी का विमान है। पाकिस्तान पहले से ही इसे अपनी वायुसेना में शामिल कर चुका है। यह विमान PL-15 मिसाइलों से लैस है, जो 200 किलोमीटर तक टारगेट को निशाना बना सकती हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर बांग्लादेश इन जेट्स को खरीदता है, तो इससे भारत-बांग्लादेश संबंधों पर तनाव बढ़ सकता है। क्योंकि राफेल जैसे आधुनिक लड़ाकू विमानों के मुकाबले J-10C को खड़ा करने की चीन-पाक रणनीति पहले ही भारत के लिए चुनौती बन चुकी है।
यूनुस सरकार की रणनीति
शेख हसीना सरकार के जाने के बाद मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश की विदेश नीति को नया मोड़ दे रहे हैं। उन्होंने चीन के साथ तीस्ता प्रोजेक्ट और बंदरगाह कनेक्टिविटी पर भी सहयोग की पेशकश की है। विश्लेषकों का मानना है कि अगर यूनुस सरकार J-10C सौदे को आगे बढ़ाती है, तो इससे पश्चिमी देशों और अमेरिका के साथ बांग्लादेश के रिश्तों में खटास आ सकती है।
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