भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने देश के लिए एक बड़ा बयान दिया है – उन्होंने कहा है कि मार्च 2026 तक नक्सलवाद (Left Wing Extremism) पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा। यह घोषणा नक्सल प्रभावित राज्यों में चल रहे विकास और सुरक्षा अभियानों की समीक्षा बैठक के दौरान की गई। शाह का यह बयान देश में आंतरिक सुरक्षा और शांति की दिशा में ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
नक्सलवाद पर सख्त रुख: केंद्र की रणनीति पर जोर
अमित शाह ने कहा कि सरकार ने बीते 10 वर्षों में नक्सलवाद पर निर्णायक प्रहार किया है। उन्होंने बताया कि 2014 से अब तक नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 96 से घटकर सिर्फ 45 रह गई है, जो इस बात का प्रमाण है कि केंद्र की रणनीति सफल साबित हो रही है। शाह ने बताया कि सुरक्षा बलों, राज्य पुलिस और स्थानीय प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय से नक्सलियों की पकड़ कमजोर हुई है। “हमने नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने की ठान ली है। मार्च 2026 तक देश से इस खतरे का पूरी तरह अंत होगा,” – अमित शाह
विकास और विश्वास: दोहरी रणनीति का असर
केंद्र सरकार ने नक्सल प्रभावित इलाकों में ‘विकास और विश्वास’ की दोहरी नीति अपनाई है।
विकास: सड़क, बिजली, स्कूल और स्वास्थ्य सुविधाओं का तेजी से विस्तार।
विश्वास: स्थानीय लोगों को सरकारी योजनाओं से जोड़ना, युवाओं के लिए रोजगार सृजन, और शिक्षा पर ध्यान देना।
छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, बिहार और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में केंद्र ने विशेष विकास योजनाएं लागू की हैं। इससे ग्रामीण इलाकों में नक्सलियों का प्रभाव घटा है और लोग मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं।
ऑपरेशन प्रहार और ऑपरेशन समर्पण की सफलता
गृह मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन प्रहार और ऑपरेशन समर्पण ने नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक मोड़ दिया। 2023–2024 के दौरान सुरक्षा बलों ने कई शीर्ष नक्सली नेताओं को मार गिराया या गिरफ्तार किया। साथ ही, 1,200 से अधिक नक्सलियों ने हथियार डालकर आत्मसमर्पण किया। अमित शाह ने कहा कि “अब समय दूर नहीं जब लाल आतंक का अंत और शांति का स्थायी युग शुरू होगा।”
विकास परियोजनाओं से नक्सल क्षेत्रों में नई ऊर्जा
सरकार ने नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़क और दूरसंचार नेटवर्क को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया है। छत्तीसगढ़ और ओडिशा में सैकड़ों गांवों को अब BSNL मोबाइल नेटवर्क, बिजली और स्वास्थ्य केंद्रों से जोड़ा गया है। इन योजनाओं ने स्थानीय लोगों के जीवन में विश्वास और आत्मनिर्भरता की भावना पैदा की है।
सुरक्षा बलों का मनोबल और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल
अमित शाह ने कहा कि नक्सल विरोधी अभियानों में अब ड्रोन, सैटेलाइट इमेजिंग और GPS ट्रैकिंग जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग हो रहा है। साथ ही, सुरक्षा बलों के लिए विशेष प्रशिक्षण, आधुनिक हथियार और तेज़ संचार नेटवर्क उपलब्ध कराए गए हैं। इन कदमों से नक्सलियों के ठिकानों पर सटीक कार्रवाई संभव हो पाई है।
स्थायी शांति की ओर बढ़ता भारत
गृह मंत्री ने कहा कि नक्सलवाद सिर्फ सुरक्षा का नहीं, बल्कि विकास और समान अवसरों का मुद्दा है। सरकार का उद्देश्य है कि हर व्यक्ति को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़गार के अवसर मिलें ताकि कोई हिंसा की राह न चुने। अमित शाह ने कहा, “हम सिर्फ हथियार नहीं, विकास की रोशनी से अंधकार को मिटा रहे हैं।”


