केंद्रीय गृह मंत्री Amit Shah ने राहुल गांधी की नैतिकता पर सवाल उठाते हुए मनमोहन सिंह के अध्यादेश को फाड़ने की घटना का जिक्र किया और पूछा कि क्या जेल से सरकार चलाना उचित है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर करारा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की नैतिकता चुनाव जीतने या हारने पर निर्भर नहीं होनी चाहिए। यह सूर्य और चंद्रमा की तरह स्थिर रहनी चाहिए।
अमित शाह ने न्यूज़ एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह जेल से सरकार चलाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने याद दिलाया कि राहुल गांधी ने पहले मनमोहन सिंह द्वारा लाए गए उस अध्यादेश को फाड़ दिया था, जो लालू प्रसाद यादव को राहत देने वाला था। शाह ने तंज कसते हुए कहा, “उस दिन नैतिकता थी, तो अब क्या हो गया? सिर्फ इसलिए कि आप तीन चुनाव लगातार हार गए हैं?”
लालू प्रसाद यादव और अध्यादेश का जिक्र
अमित शाह ने उस अध्यादेश को याद दिलाया जिसे यूपीए सरकार लेकर आई थी। यह अध्यादेश दोषी सांसदों और विधायकों को तीन महीने तक सीट बचाने की राहत देता था। इसे चारा घोटाले में लालू प्रसाद यादव को बचाने के लिए लाया गया था। हालांकि, राहुल गांधी ने इसे सार्वजनिक रूप से फाड़ दिया और बाद में अध्यादेश वापस ले लिया गया।
संविधान (130वां संशोधन) विधेयक पर विवाद
अमित शाह ने हाल ही में पेश हुए संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025 पर विस्तार से बात की। इस विधेयक के अनुसार, अगर कोई प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री 30 दिनों से ज्यादा हिरासत में रहता है, तो उसे पद से हटाया जा सकेगा।
गृह मंत्री ने सवाल किया:
“क्या यह उचित है कि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री जेल से सरकार चलाएं? क्या यह लोकतंत्र के लिए सही है?”
उन्होंने कहा कि देश के पास हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जैसी न्यायिक संस्थाएं हैं। अगर केस फर्जी होगा, तो अदालत जमानत देगी। लेकिन अगर जमानत नहीं मिलती, तो व्यक्ति को पद छोड़ना चाहिए।
“PM या CM जेल से सरकार चलाएं, क्या ये ठीक है?”
अमित शाह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि लोकतंत्र में किसी एक व्यक्ति पर सरकार निर्भर नहीं होती। अगर प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री जेल में जाते हैं, तो पार्टी बहुमत के आधार पर किसी और को चुन सकती है।
उन्होंने कहा, “आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, इसलिए सवाल ही नहीं है। लेकिन मान लीजिए भविष्य में कोई प्रधानमंत्री जेल चला जाता है, तो क्या यह उचित होगा कि वह जेल से सरकार चलाए?”
अमित शाह ने दिया अपना उदाहरण
अमित शाह ने सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले का जिक्र करते हुए कहा कि जब उन पर CBI ने केस किया, तो उन्होंने तुरंत इस्तीफा दे दिया और जब तक निर्दोष साबित नहीं हुए, तब तक कोई संवैधानिक पद नहीं संभाला।
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यूपीए शासनकाल में प्रावधान था कि अगर किसी सांसद को दो साल से ज्यादा की सजा मिलती है, तो उसकी सदस्यता स्वतः समाप्त हो जाती है।
अमित शाह ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि उनकी नैतिकता चुनाव हारने या जीतने से तय नहीं होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने विपक्ष से सवाल किया कि क्या जेल से सरकार चलाना लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ नहीं है।
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