रायपुर: केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बस्तर दौरे के ठीक पहले नक्सल संगठन ने बकायदा एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सशस्त्र संघर्ष त्यागने की निर्णय कर समर्थन किया है। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) उत्तर बस्तर डिविजनल कमेटी ने कहा है कि सशस्त्र संघर्ष छोडक़र लोकतांत्रिक आंदोलन का रास्ता अपनाया जाएगा। उत्तर बस्तर डिविजनल कमेटी (माओवादी) के प्रवक्ता सुखदेव कोड़ो के नाम से विज्ञप्ति जारी हुई है। इसकी किसी भी स्तर पर पुष्टि नहीं हुई है।
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प्रेसनोट में कहा गया है कि अप्रैल-मई 2025 में पार्टी के महासचिव और पोलित ब्यूरो द्वारा शांति पहल को माओवादी संगठन की विभिन्न ईकाईयों ने मंजूरी दी है। शीर्ष कमांडो के शहादत और मौजूदा परिस्थितियों में बदलाव के बाद आंदोलन को नए स्वरूप में आगे बढ़ाने की आवश्यकता महसूस की गई है। कमेटी ने यह भी कहा कि बंदूक उठाना पार्टी का लक्ष्य कभी नहीं रहा, बल्कि इसे मजबूरी में अपनाया गया था। अब सामाजिक और राजनीतिक संघर्षों को जनआंदोलन और लोकतांत्रिक तरीके से आगे बढ़ाने का संकल्प लिया गया है।