Abhishek Kapoor’s journey: फिल्म इंडस्ट्री में सबसे प्रेरणादायक कहानियों में से एक है। एक समय उन्हें लोग “फ्लॉप एक्टर” कहते थे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। एक्टिंग छोड़ उन्होंने कैमरे के पीछे कदम रखा और एक के बाद एक हिट फिल्में दीं।
मोनिका बेदी संग की शुरुआत, लेकिन नहीं मिली पहचान
अभिषेक ने अपने करियर की शुरुआत 1995 में फिल्म ‘आशिक मस्ताने’ से की, जिसमें उनके साथ मोनिका बेदी थीं। इसके बाद वह ‘उफ्फ! ये मोहब्बत’ में नजर आए। हालांकि, यह फिल्में फ्लॉप रहीं और यहीं से Abhishek Kapoor’s journey एक्टिंग से निर्देशन की ओर मुड़ गया।
निर्देशक के रूप में की शुरुआत ‘आर्यन’ से
2006 में उन्होंने स्पोर्ट्स ड्रामा ‘आर्यन: अनब्रेकेबल’ से निर्देशन की शुरुआत की। फिल्म को ठीक-ठाक रिस्पॉन्स मिला लेकिन इससे उन्हें निर्देशन की दिशा में आगे बढ़ने का आत्मविश्वास मिला।
‘रॉक ऑन’ ने बदली किस्मत, मिला नेशनल अवॉर्ड
Abhishek Kapoor’s journey असली रूप में चमका 2008 की फिल्म ‘रॉक ऑन’ से। यह फिल्म एक म्यूजिकल ड्रामा थी, जिसने दर्शकों और आलोचकों दोनों का दिल जीता। इस फिल्म ने उन्हें नेशनल अवॉर्ड दिलाया और फिल्मफेयर में कई नॉमिनेशन भी मिले।
फिल्म स्कूल की डिग्री नहीं, फिर भी निर्देशक की पहचान
अभिषेक कपूर ने कभी कोई फिल्म स्कूल नहीं जॉइन किया। इसके बावजूद, Abhishek Kapoor’s journey इस बात का प्रमाण है कि अनुभव, मेहनत और जुनून से बड़ी कोई डिग्री नहीं होती।
‘काई पो चे!’ से सुशांत को मिली असली पहचान
2013 में उन्होंने चेतन भगत की किताब पर आधारित फिल्म ‘काई पो चे!’ का निर्देशन किया। इस फिल्म से सुशांत सिंह राजपूत को असली पहचान मिली। फिल्म को बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में भी दिखाया गया और इसकी पटकथा को खूब सराहा गया।
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‘केदारनाथ’ से सारा और सुशांत का दिल जीतने वाला रोमांस
2018 में आई ‘केदारनाथ’ में उन्होंने फिर से सुशांत के साथ काम किया। फिल्म उत्तराखंड बाढ़ की पृष्ठभूमि पर आधारित थी और एक इंटरकास्ट लव स्टोरी को दिखाती थी। यह फिल्म Abhishek Kapoor’s journey में एक और सफल अध्याय बनी।
‘चंडीगढ़ करे आशिकी’ से तोड़ी सामाजिक रूढ़ियां
2021 में आई ‘चंडीगढ़ करे आशिकी’ एक जिम ट्रेनर और ट्रांसजेंडर महिला की प्रेम कहानी थी। इसे क्रिटिक्स ने खूब सराहा, और अभिषेक को इसके लिए फिल्मफेयर बेस्ट स्टोरी अवॉर्ड भी मिला।
खुद की कंपनी ‘गाइ इन द स्काई पिक्चर्स’ की शुरुआत
Abhishek Kapoor’s journey एक और ऊंचाई पर तब पहुंचा जब उन्होंने अपनी खुद की प्रोडक्शन कंपनी शुरू की। इससे वह अब नई कहानियों को और भी स्वतंत्रता से सामने ला पा रहे हैं।
अभिषेक कपूर का सफर बना मिसाल
Abhishek Kapoor’s journeyर यह बताता है कि औपचारिक शिक्षा की कमी सफलता की राह में बाधा नहीं है। अगर आपके पास जुनून, कला, और सच्ची मेहनत है तो आप इंडस्ट्री में एक अलग मुकाम बना सकते हैं।