बिलासपुर: जिले के पचपेड़ी थाना क्षेत्र में उस समय मातम पसर गया, जब एक 14 वर्षीय बालक की करंट लगने से दर्दनाक मौत हो गई। हादसे की वजह बनी एक किसान की लापरवाही, जिसने अपनी फसल को मवेशियों से बचाने के लिए खेत के चारों ओर लगे लोहे के तार में बिजली प्रवाहित कर दी थी। दुर्भाग्य से उसी करंट की चपेट में आकर बालक की मौके पर ही मौत हो गई। घटना ग्राम जोंधरा की बताई जा रही है। गांव के निवासी विनोद कुमार केंवट किसान हैं। उनका 14 साल का बेटा गौतम केंवट शनिवार को अपने तीन दोस्तों के साथ पास की नदी में नहाने गया था। नहाने के बाद सभी दोस्त हंसी-खुशी घर लौट रहे थे। रास्ते में वे गांव के ही मुन्नी लाल कुंभकार के खेत के पास से गुजर रहे थे। इसी दौरान गौतम का हाथ खेत की बाड़ में लगे लोहे के तार से छू गया, जिसमें करंट दौड़ रहा था। तार छूते ही गौतम करंट से बुरी तरह चिपक गया और झुलस गया।
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बच्चे के साथ मौजूद दोस्तों ने जब यह दृश्य देखा तो वे घबरा गए। उन्होंने दौड़कर खेत मालिक के घर जाकर परिजनों को सूचना दी। सूचना मिलते ही खेत मालिक का बेटा मौके पर पहुंचा और तुरंत बिजली का स्विच बंद किया। जब तक करंट बंद हुआ, तब तक गौतम बेहोश होकर जमीन पर गिर चुका था। उसे आनन-फानन में स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद बालक को मृत घोषित कर दिया।
लापरवाही का खामियाजा मासूम की जान से चुकाना पड़ा
ग्रामीणों के अनुसार, खेत मालिक ने अपनी फसल को मवेशियों और जंगली जानवरों से बचाने के लिए खेत की बाउंड्री पर बिजली लाइन से जोड़कर तार में करंट प्रवाहित किया था। यह अवैध और बेहद खतरनाक तरीका था। खेत मालिक की इसी लापरवाही की वजह से गांव का एक मासूम बच्चे की जिंदगी खत्म हो गई। घटना के बाद गांव में शोक का माहौल है। मृतक गौतम के घर पर कोहराम मचा हुआ है। पिता विनोद कुमार केंवट का रो-रोकर बुरा हाल है। ग्रामीणों ने प्रशासन से दोषी किसान पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
पुलिस जांच में जुटी
घटना की सूचना मिलने के बाद पचपेड़ी पुलिस मौके पर पहुंची और शव का पंचनामा व पोस्टमॉर्टम कराया। पुलिस ने शव को परिजनों को सौंप दिया है। थाना प्रभारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि खेत में करंट से जुड़ा तार अवैध तरीके से लगाया गया था। इस मामले में लापरवाही से हुई मौत (IPC 304A) की धारा के तहत जांच शुरू की गई है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि खेतों में इस तरह बिजली के तार लगाना कानूनन अपराध है और इससे न केवल इंसानों बल्कि जानवरों की भी जान जा सकती है। बिजली विभाग को भी मामले की जानकारी दी गई है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।