भारत में स्टार्टअप संस्कृति अब केवल दिल्ली, मुंबई या बेंगलुरु तक सीमित नहीं रही। 2025 में देश के टियर-2 शहर जैसे इंदौर, जयपुर, भुवनेश्वर, नागपुर, रांची, रायपुर, और कोयंबटूर तेजी से नए स्टार्टअप हब के रूप में उभर रहे हैं। इन शहरों में बढ़ती डिजिटल पहुंच, सस्ती ऑफिस स्पेस, सरकारी प्रोत्साहन और स्थानीय प्रतिभाओं के कारण स्टार्टअप इकोसिस्टम में नई जान आ रही है।
टियर-2 शहर क्यों बन रहे हैं स्टार्टअप्स का नया ठिकाना?
कम ऑपरेटिंग कॉस्ट: मेट्रो शहरों की तुलना में यहां किराया, बिजली और इंफ्रास्ट्रक्चर का खर्च कम है। इससे नए उद्यमियों को शुरुआती निवेश में राहत मिलती है।
- स्थानीय टैलेंट और स्किल्ड यूथ: छोटे शहरों में अब टेक्निकल कॉलेज और डिजिटल ट्रेनिंग सेंटर बढ़ रहे हैं, जिससे कंपनियों को स्थानीय स्तर पर ही योग्य कर्मचारी मिल रहे हैं।
- सरकारी योजनाएं और फंडिंग सपोर्ट: भारत सरकार की Startup India Mission, PMEGP, और राज्य सरकारों की विशेष योजनाओं ने इन शहरों को उद्यमिता के लिए आकर्षक बनाया है।
- बेहतर इंटरनेट और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर: Jio और BharatNet जैसे प्रोजेक्ट्स ने इंटरनेट कनेक्टिविटी में क्रांति ला दी है, जिससे टियर-2 शहर अब डिजिटल हब बन रहे हैं।
इनोवेशन और लोकल सॉल्यूशंस की बढ़ती मांग
टियर-2 शहरों के स्टार्टअप अब लोकल समस्याओं के समाधान पर आधारित इनोवेशन कर रहे हैं। जैसे — रायपुर और भुवनेश्वर में एग्रीटेक और फिनटेक स्टार्टअप्स किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए डिजिटल सॉल्यूशंस दे रहे हैं। जयपुर और इंदौर में हेल्थटेक और एजुकेशनटेक कंपनियां ऑनलाइन सेवाओं के जरिए आम जनता की जिंदगी आसान बना रही हैं। कोयंबटूर और नागपुर में मैन्युफैक्चरिंग और EV स्टार्टअप्स ने उत्पादन और रोजगार दोनों में नई संभावनाएं खोली हैं।
निवेशकों की नजर अब छोटे शहरों पर
देश-विदेश के कई निवेशक अब छोटे शहरों में हो रहे इनोवेशन पर फोकस कर रहे हैं। 2024 में भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में आए कुल निवेश का 26% हिस्सा टियर-2 और टियर-3 शहरों के स्टार्टअप्स को गया। कई वेंचर कैपिटल फर्म्स जैसे Blume Ventures, Accel, और Sequoia India अब इन शहरों में “स्टार्टअप बूटकैंप” आयोजित कर रही हैं।
सरकार और प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी
राज्य सरकारें इन्क्यूबेशन सेंटर और स्टार्टअप पार्क्स स्थापित कर रही हैं। छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और ओडिशा जैसे राज्यों ने स्टार्टअप नीति 2025 के तहत टैक्स में राहत और फंडिंग सपोर्ट देने की घोषणा की है। साथ ही, बड़ी कंपनियां जैसे TCS, Infosys और Amazon भी इन शहरों में छोटे टेक हब खोल रही हैं, जिससे लोकल स्टार्टअप्स को सहयोग मिल रहा है।
महिलाओं और युवाओं की बढ़ती भागीदारी
टियर-2 शहरों के स्टार्टअप्स में महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। जैसे, इंदौर की “ECOBox”, जो रीसायकल मटेरियल से पैकेजिंग बनाती है, एक महिला-नेतृत्व वाला स्टार्टअप है जो अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी पहचान बना चुका है। ऐसे स्टार्टअप्स यह साबित कर रहे हैं कि नवाचार अब केवल महानगरों तक सीमित नहीं है।