एयर इंडिया, जो अब टाटा समूह के अधीन है, ने 2025 में अपनी सबसे बड़ी विमान खरीद परियोजनाओं में से एक की शुरुआत की है। कंपनी ने एयरबस और बोइंग दोनों से 300 नए जेट विमानों की खरीद के लिए विस्तृत वार्ता शुरू कर दी है। यह कदम भारतीय उड्डयन क्षेत्र में एक बड़े बदलाव की ओर संकेत करता है, जिससे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की क्षमता में भारी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भारत की नई उड़ान
सूत्रों के अनुसार, एयर इंडिया का यह विस्तार भारत को वैश्विक विमानन उद्योग में मजबूत स्थिति प्रदान करेगा। कंपनी न केवल देश के भीतर, बल्कि अमेरिका, यूरोप, एशिया और मध्य पूर्व जैसे क्षेत्रों में भी अपनी उड़ान सेवाओं का विस्तार करने की योजना बना रही है। इन नए विमानों में अत्याधुनिक तकनीक, ईंधन दक्षता और यात्रियों के लिए बेहतर अनुभव पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
बड़े निवेश और रोजगार के अवसर
इस सौदे की अनुमानित कीमत 100 अरब डॉलर से अधिक हो सकती है, जो भारत के इतिहास में किसी एयरलाइन द्वारा किया गया सबसे बड़ा विमान ऑर्डर होगा। इसके साथ ही, इस विस्तार से हजारों नए रोजगार अवसर भी पैदा होंगे—पायलट, तकनीकी स्टाफ, मेंटेनेंस इंजीनियर्स और अन्य सहयोगी कर्मचारियों के लिए।
भारत के विमानन क्षेत्र का स्वर्ण युग
एयर इंडिया की यह पहल भारत के तेजी से बढ़ते विमानन बाजार की दिशा में एक निर्णायक कदम है। आने वाले वर्षों में भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा विमानन बाजार बन सकता है। यह कदम “वोकल फॉर लोकल” और “मेक इन इंडिया” मिशन को भी मजबूत करेगा।