भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने नई दिशा दी है। जहां पहले मरीजों के डायग्नोसिस और इलाज में समय लगता था, वहीं अब AI आधारित सिस्टम कुछ ही मिनटों में बीमारी की पहचान कर रहे हैं। इससे न केवल मरीजों को जल्दी इलाज मिल रहा है, बल्कि डॉक्टरों का कार्यभार भी कम हुआ है।
AI तकनीक से बदल रहा हेल्थकेयर सिस्टम
AI अब भारत के कई अस्पतालों और डायग्नोस्टिक सेंटरों में सक्रिय रूप से उपयोग हो रहा है। AI-सक्षम स्कैनिंग सिस्टम X-ray, MRI और CT-Scan में बीमारियों की पहचान कर रहे हैं। Chatbot हेल्थ असिस्टेंट मरीजों को दवाइयों, अपॉइंटमेंट और स्वास्थ्य सुझाव दे रहे हैं। AI एल्गोरिदम गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर और हार्ट डिजीज का शुरुआती चरण में पता लगा रहे हैं।
सरकारी और निजी क्षेत्र की पहल
भारत सरकार ने “AI for Health India Mission” की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं में तकनीक लाना और डॉक्टरों की कमी पूरी करना है। वहीं निजी क्षेत्र में Apollo Hospitals, Fortis, Tata Digital Health जैसी कंपनियाँ AI-आधारित हेल्थ डेटा एनालिटिक्स और वर्चुअल केयर सॉल्यूशन्स में निवेश कर रही हैं।
आंकड़े बताते हैं AI की ताकत
2025 तक भारत में AI हेल्थकेयर इंडस्ट्री $1.2 बिलियन तक पहुँचने का अनुमान है। 70% अस्पतालों में AI टूल्स का किसी न किसी रूप में इस्तेमाल शुरू हो चुका है। 30% तक डायग्नोसिस समय में कमी आई है, जिससे मरीजों की रिकवरी दर बेहतर हुई है।
AI के प्रमुख उपयोग क्षेत्र
- डायग्नोसिस और रिपोर्टिंग – AI X-ray/MRI में सटीक परिणाम देता है।
- वर्चुअल हेल्थ असिस्टेंट – 24×7 मरीज सहायता के लिए चैटबॉट्स।
- जीनोमिक्स और ड्रग डेवलपमेंट – नई दवाओं की खोज में AI सहयोग।
- रिमोट पेशेंट मॉनिटरिंग – AI से डॉक्टर दूर से मरीज की स्थिति ट्रैक करते हैं।
ग्रामीण भारत में भी पहुंच रही AI हेल्थ सेवा
अब AI आधारित टेलीमेडिसिन और मोबाइल हेल्थ ऐप्स की मदद से ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी डॉक्टर से ऑनलाइन सलाह ले पा रहे हैं। इससे ग्रामीण स्वास्थ्य प्रणाली में बड़ा सुधार आया है। AI विशेषज्ञों के अनुसार, “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस केवल डॉक्टरों की मदद नहीं कर रहा, बल्कि यह पूरे हेल्थकेयर सिस्टम को स्मार्ट और अधिक मानव-केंद्रित बना रहा है।” AI की एंट्री ने भारतीय स्वास्थ्य क्षेत्र को तेज़, सटीक और आधुनिक बना दिया है। अब भारत केवल दवाइयों का नहीं, बल्कि डिजिटल हेल्थ इनोवेशन का ग्लोबल सेंटर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।