कर्नाटक के गुंडलुपेट तालुक के बोम्मलापुर गांव में एक अजीबो-गरीब घटना सामने आई है। यहां नाराज ग्रामीणों ने वन विभाग के सात कर्मचारियों को बाघ पकड़ने वाले पिंजरे में ही बंद कर दिया। इनमें गार्ड और वॉचर समेत कई कर्मचारी शामिल थे, जो गांव में लगातार हो रहे जंगली जानवरों के हमलों की शिकायतों पर पहुंचे थे। लेकिन ग्रामीणों का गुस्सा इतना बढ़ गया कि उन्होंने उसी पिंजरे में वनकर्मियों को कैद कर दिया, जो बाघ को पकड़ने के लिए लगाया गया था। ग्रामीणों का आरोप है कि जंगली जानवर उनके मवेशियों पर हमला कर रहे हैं। कई बार इसानों पर भी हमला हुआ है, लेकिन तो विभाग ने जानवरों को पकड़ा और न ही किसानों को मुआवजा दिया।
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ग्रामीणों का अनोखा विरोध प्रदर्शन
इसी लापरवाही से परेशान होकर ग्रामीणों ने यह अनोखा विरोध प्रदर्शन किया और वन अधिकारियों को ही पिंजरे में बंद कर दिया। बता दें कि इस घटना का एक वीडियो भी हमारे हाथ लगा है, जिसमें वन अधिकारियों को पिंजरे में बंद देखा जा सकता है। वहीं एक दूसरे मामले में उत्तर कन्नड़ जिले में भटकल की मुग्दम कॉलोनी के वन क्षेत्र में बड़ी मात्रा में मवेशियों की हड्डियां पाई गई हैं, जिसके बाद स्थानीय समूहों ने विरोध प्रदर्शन किया है और कार्रवाई की मांग की है। स्थानीय निवासियों के अनुसार, पिछले दो-तीन दिनों में हड्डियों समेत अवशेष पहाड़ी पर बिखरे पड़े मिले हैं।
मवेशियों की मिली हड्डियां
स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस जगह का इस्तेमाल बार-बार अवैध पशु वध के लिए किया जाता रहा है। इस बात की जानकारी मिलने पर, हिंदू समर्थक संगठनों के सदस्य और सामुदायिक नेता घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने दावा किया कि बाद में नगरपालिका कर्मचारियों ने हड्डियों को इकट्ठा किया और उन्हें एक कूड़ेदान में फेंक दिया। अवशेषों की संख्या को देखते हुए, इस गतिविधि के पीछे एक संगठित नेटवर्क की संलिप्तता के बारे में संदेह जताया गया है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की है कि उन्हें शिकायतें मिली हैं और वे जांच कर रहे हैं एक पुलिस सूत्र ने कहा, ‘‘हमें खबरों की जानकारी है और हम घटना की जांच कर रहे हैं। आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।’’