इस्लामाबाद: इजरायल से भिड़ने वाले फिलिस्तीन (हमास आतंकी), लेबनान (हिजबुल्लाह आतंकी संगठन), सीरिया (आईएसआईएस आतंकी समूह), यमन (हूती आतंकी समूह) तबाह हो गए। इनका समर्थन करके ईरान ने जब पंगा मोल लिया तो इजरायली सेना ने तेहरान में तबाही मचा दी। हालांकि दोनों देशों के बीच करीब 11 दिन चले युद्ध में इजरायल को भी नुकसान पहुंचा। इस दौरान इजरायल और अमेरिका ने ईरान के 3 अहम गुप्त परमाणु ठिकानों को उड़ा दिया। बावजूद अब पाकिस्तान इजरायल के खिलाफ एकजुटता दिखाने के लिए कतर और मुस्लिम देशों को साथ करने के अभियान में शामिल हो गया है।
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इजरायल ने कतर में हमास आतंकियों को बनाया था निशाना
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने खाड़ी और मुस्लिम देशों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए बृहस्पतिवार को कतर की यात्रा पर जाने का ऐलान किया है। वह ऐसे वक्त में यह दौरा करने जा रहे हैं, जब इजरायल ने 2 दिन पहले कतर की राजधानी दोहा पर बड़ा हमला किया था। इसमें हमास के अनुसार 5 आतंकी मारे गए थे। शहबाज के इस कदम से पाकिस्तान इजरायल की अगली हिट लिस्ट में आ सकता है। इजरायल ने दोहा पर तब हमला किया, जब उसे दोहा में हमास आतंकियों के बैठक करने की सटीक खुफिया सूचना हाथ लगी। इसके बाद मंगलवार को इजराइल ने तेल-संपन्न कतर में हमला कर हमास के कम से कम 6 ओहदेदारों को मार डाला था।
शहबाज के साथ रहेंगे विदेश मंत्री इशाक डार
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि प्रधानमंत्री का यह दौरा “दोहा में आवासीय क्षेत्रों को निशाना बनाकर किए गए इजराइली कायराना हवाई हमलों” के बाद एकजुटता और क्षेत्रीय एकता का प्रतीक है। प्रधानमंत्री के साथ एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी जाएगा, जिसमें उपप्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री इशाक डार भी शामिल होंगे। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह यात्रा कतर की सुरक्षा और संप्रभुता के प्रति पाकिस्तान के अटूट समर्थन और पश्चिम एशिया में शांति व स्थिरता के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
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कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी से मुलाकात करेंगे शहबाज
शरीफ दोहा में कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी से मुलाकात करेंगे और कतर की जनता एवं नेतृत्व के प्रति पाकिस्तान की गहरी संवेदनाएं और समर्थन व्यक्त करेंगे। पाकिस्तान और कतर के बीच करीबी द्विपक्षीय संबंध हैं और पाकिस्तान पहले ही इजराइली हमलों की निंदा कर चुका है। यह अभी स्पष्ट नहीं है कि यह यात्रा केवल एकजुटता तक सीमित रहेगी या दोनों पक्ष कतर की सुरक्षा मजबूत करने के लिए किसी प्रकार के रक्षा सहयोग की संभावना पर भी चर्चा करेंगे।