Rani NT : समाज में अक्सर कहा जाता है कि पढ़ाई-लिखाई की उम्र होती है। लेकिन तमिलनाडु की 70 वर्षीय रानी एन.टी. ने इस सोच को गलत साबित कर दिया है। उन्होंने यह दिखा दिया कि सीखने और सपनों को पूरा करने के लिए उम्र नहीं, बल्कि हौसला मायने रखता है। 70 साल की रानी एन.टी. ने 12वीं बोर्ड परीक्षा पास कर इतिहास रच दिया और हर उस महिला के लिए प्रेरणा बन गईं, जो जीवन के किसी भी पड़ाव पर अपने सपनों को अधूरा मान चुकी हैं।
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रानी एन.टी. का जीवन परिचय
रानी एन.टी. का जन्म तमिलनाडु के एक साधारण परिवार में हुआ। कोयंबटूर की रहने वाली रानी एनटी ने उम्र के इस पड़ाव में 12वीं की बोर्ड परीक्षा पास करके सबके लिए एक मिसाल पेश की। बचपन में उनका सपना पढ़ाई करने और पढ़-लिखकर आत्मनिर्भर बनने का था। लेकिन परिस्थितियों के चलते उन्हें पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी।
दरअसल रानी से साल 1972 में 10वीं पास की और उसके बाद उनकी पढ़ाई अधूरी रह गई थी। उस समय उनके गांव में आगे की पढ़ाई का कोई रास्ता नहीं था। शादी के बाद वे पति संग चेन्नई आ गईं और बाद में कोयंबटूर में रहने लगीं। लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते फिर भी पढ़ाई नहीं कर पाई।
हिम्मत और जज्बे की मिसाल
वर्ष 2020 में पति के निधन के बाद रानी ने खुद के लिए कुछ करने की ठानी। पति की मृत्यु के बाद रानी अकेले रहती थीं। कई सारी चुनौतियों और संघर्षों के बाद भी उन्होंने हमेशा अपने मन में पढ़ाई की इच्छा को जागृत रखा। उन्होंने ठान लिया कि वह फिर से किताबें उठाएंगी और अधूरी पढ़ाई पूरी करेंगी। 70 साल की उम्र में उन्होंने 12वीं की परीक्षा में बैठकर न केवल उत्तीर्ण की, बल्कि अच्छे अंकों से सफलता पाई।
रानी बताती हैं, ‘बच्चे सेटल हो चुके थे, अब कोई बड़ी ज़िम्मेदारी नहीं थी। मैंने किताबें खरीदीं और 11वीं की पढ़ाई शुरू की।’ पहली बार में ही 11वीं पास करने के बाद उन्होंने इस साल 12वीं की परीक्षा दी। रानी साइंस लेना चाहती थीं, लेकिन जब वो विकल्प नहीं मिला तो आर्ट्स लिया। रानी को पढ़ाई छोड़े 50 साल हो चुके हैं। इस साल प्राइवेट कैंडिडेट के तौर पर वह तमिलनाडु की 12वीं बोर्ड परीक्षा में बैठीं। खास बात ये हैं कि कोयंबटूर की दादी बिना किसी कोचिंग के घर पर ही खुद पढ़ाई करती थीं।
उपलब्धि और प्रेरणा
एग्जार सेंटर में जब युवा स्टूडेंट्स और टीचर्स उन्हें हैरानी से देखते थे, तो रानी बस मुस्कुरा कर कहती थीं, “सीखने की कोई उम्र नहीं होती।” उनकी इस दृढ़ता ने रानी को 12वीं की परीक्षा को 600 में से 346 अंकों के साथ पास कराया। रानी ने तमिल में 89 अंक हासिल किए तो वहीं इतिहास में 52 और अंग्रेजी में 50 अंक प्राप्त किए। 70 की उम्र में उनकी इस सफलता ने सभी का ध्यान खींचा। यह उपलब्धि सिर्फ उनके लिए नहीं, बल्कि उन तमाम महिलाओं के लिए प्रेरणा है जो सोचती हैं कि अब बहुत देर हो चुकी है।
वह इतने में ही रुकना नहीं चाहती हैं। योग और कलारी करने वालीं रानी अब फिजिकल एजुकेशन में डिग्री लेना चाहती हैं। वह कहती कि ये तो नहीं पता कि इस उम्र में एडमिशन मिलेगा या नहीं, पर कोशिश जरूर करूंगी।