Nepal : नेपाल में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। सोमवार को हुए हिंसक प्रदर्शनों में 21 लोगों की मौत हो गई है और 350 से अधिक लोग घायल हुए हैं। नेपाल में हालात की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस का असर सियासी गलियारों में भी देखने को मिल रहा है। नेपाल के गृहमंत्री पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं और अब कृषि मंत्री रामनाथ अधिकारी ने भी अपना पद छोड़ दिया है।
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जारी है कर्फ्यू
बवाल को देखते हुए नेपाल के 3 जिलों में मंगलवार को भी कर्फ्यू जारी है राजधानी काठमांडू, ललितपुर और भक्तापुर में प्रशासन ने एहतियातन कर्फ्यू लगा रखा ह। कर्फ्यू अगले आदेश तक जारी रहेगा। हालात को देखते हुए राजधानी काठमांडू में रिंग रोड, बालकुमारी ब्रिज, कोटेश्वर, सिनामंगल, गौशाला, छाबाहिल, नारायण गोपाल चौक, गोंगाबु, बालाजु, स्वयंभू, कालंकी, बालखु और बागमती ब्रिज जैसे इलाकों को प्रतिबंधित किया गया है।
नेपाल में जारी है विरोध प्रदर्शन
नेपाल में प्रदर्शन को तेज होता देख ओली सरकार बैकफुट पर आ गई है। सरकार ने सोशल मीडिया पर बैन लगाने के फैसले को वापस ले लिया है। नेपाल सरकार के फैसले के बाद भी विरोध प्रदर्शन जारी है। मंगलवार की सुबह से ही युवा न्यू बानेश्वर में इकट्ठा होना शुरू हो गए हैं। काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक युवा मृत साथियों के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं।
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मानवाधिकार संगठनों ने की जांच की मांग
इस बीच यहां यह भी बता दें कि, प्रदर्शन के बीच नेपाल के गृहमंत्री रमेश लेखक पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं। गृहमंत्री ने कहा था कि ‘अकल्पनीय क्षति, नैतिक आधार पर इस्तीफा देता हूं।’ विरोध प्रदर्शन के दौरान लोगों की मौत पर मानवाधिकार संगठनों ने चिंता जताई है। मानवाधिकार संगठनों ने पुलिस की ओर से प्रदर्शन में अत्यधिक बल प्रयोग की निंदा करते हुए जांच की मांग की है।