Hydrogen Train India : भारत जल्द ही इतिहास बनाने जा रहा है. देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन जींद-गोहाना-सोनीपत ट्रैक पर दौड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है. जर्मनी, फ्रांस, स्वीडन और चीन के बाद इंडिया दुनिया का 5वां देश (India’s first hydrogen train launch details) बन गया है, जो इस टेक्नोलॉजी को अपनाने जा रहा है. हरियाणा के जींद में आधुनिक हाइड्रोजन प्लांट और ट्रेन का इंजन तैयार हो चुका है, जो इस प्रोजेक्ट के सक्सेस (India hydrogen train technology and future plans) को बता रहा है. रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने सोशल मीडिया पर इस ट्रेन का वीडियो शेयर किया है, जिसमें इसकी डिजाइन और खूबियों को दिखाया गया है. उन्होंने बताया कि रेलवे जल्द ही इसे पटरियों पर उतारने का प्लान (Jind-Sonipat hydrogen train speed and route) बना रहा है. आइए जानते हैं इस ट्रेन की खूबियां और यह देश के लिए कितना फायदेमंद है…
launch से पहले OnePlus 15 सर्टिफिकेशन वेबसाइट पर हुआ स्पॉट, मिलेगा 120W फास्ट चार्जिंग सपोर्ट
दुनिया की सबसे लंबी और पावरफुल हाइड्रोजन ट्रेन – World’s Longest and Powerful Hydrogen Train
इंडियन रेलवे के अनुसार, यह ट्रेन दुनिया की सबसे लंबी और सबसे पावरफुल हाइड्रोजन ट्रेन होगी. इसका कोच चेन्नई के इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में तैयार किया गया है और हाल ही में इसका ट्रॉयल भी पूरा हो चुका है. यह ट्रेन 1200 हार्सपावर इंजन से लैस होगी और 2,638 पैसेंजर्स इसमें सफर कर सकेंगे. इसकी रफ्तार 110 से 140 किलोमीटर प्रति घंटे तक होगी. हाइड्रोजन फ्यूल सेल टेक्नोलॉजी पर बेस्ड इस ट्रेन से सिर्फ पानी और भाप निकलते हैं, जिससे एनवायरमेंट पॉल्यूशन फ्री रहेगा.
भारत में कितनी हाइड्रोजन ट्रेन चलेंगी – How Many Hydrogen Trains will Run in India
रेलवे की ‘हाइड्रोजन ट्रेन फार हैरिटेज’ पहल के तहत 35 हाइड्रोजन ट्रेनें चलाने का प्लान है. हर ट्रेन की अनुमानित कीमत करीब 80 करोड़ रुपए होगी. वहीं, विरासत और पहाड़ी रूट के स्ट्रक्चर डेवलप करने में हर रूट का खर्च करीब 70 करोड़ रुपए होने का अनुमान है.
जींद बनेगा हाइड्रोजन प्रोडक्शन सेंटर – Jind Hydrogen Production Centre
इस ट्रेन को फ्यूल देने के लिए जींद में मेगावाट पॉलीमर इलेक्ट्रोलाइट मेम्ब्रेन प्लांट का कंस्ट्रक्शन जारी है. यह प्लांट रोजाना करीब 430 किलो हाइड्रोजन का प्रोडक्शन करेगा. जींद स्टेशन पर 3,000 किलो हाइड्रोजन स्टोरेज की सुविधा होगी, जिसमें कंप्रेसर और प्री-कूलर इंटीग्रेशन वाले दो डिस्पेंसर लगे हैं. इससे ट्रेन को फास्ट और सुरक्षित तरीके से ईंधन भरने की सुविधा मिलेगी.
CG Crime : कलयुगी बेटे का खौफनाक अपराध, मामूली विवाद में बेटे ने मां को उतारा मौत के घाट
हाइड्रोजन ट्रेन के फायदे – Hydrogen Train Advantages
हाइड्रोजन ट्रेन 89 किमी जींद-गोहाना-सोनीपत ट्रैक पर 110 से 140 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ेगी. 8 कोच वाली यह ट्रेन पूरी तरह हाइड्रोजन फ्यूल सेल टेक्नोलॉजी पर बेस्ड है. इसके चलने के दौरान सिर्फ पानी और भाप निकलेंगे, जिससे वातावरण साफ और प्रदूषण मुक्त रहता है. डीजल ट्रेनों की तुलना में यह ट्रेन कार्बन उत्सर्जन शून्य के करीब होगी. इसके अलावा, मौजूदा रेल रिसोर्सेज के साथ इसे आसानी से इंटीग्रेट किया जा सकता है. यह डीजल ट्रेनों का सुरक्षित और टिकाऊ विकल्प हो सकता है.
भारत में हाइड्रोजन ट्रेन कौन बना रहा है – Hydrogen Trains in India
भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन का डिजाइन रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड्स ऑर्गेनाइजेशन (RDSO) ने किया और इसका निर्माण इंटीग्रल कोच फैक्ट्री चेन्नई में हुआ. इस पहल के तहत एक डीजल इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट रैक को हाइड्रोजन फ्यूल में अपग्रेड किया गया. इस प्रोजेक्ट का मकसद 2030 तक भारतीय रेलवे को नेट-जीरो कार्बन उत्सर्जक बनाना है. इससे न सिर्फ देश का कार्बन फुटप्रिंट कम होगा, बल्कि ऊर्जा का सही इस्तेमाल हो सकेगा.