अप्रैल में पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने 1960 से लागू सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया था, और अब उठाए नए कदम से पाकिस्तान बौखला गया है।
भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहा तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। अप्रैल 2025 में पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने 1960 से लागू सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) को स्थगित कर दिया था। यह कदम पाकिस्तान को पहले ही भारी पड़ा था, और अब भारत ने इससे जुड़ा एक और सख्त फैसला लिया है जिससे पाकिस्तान में खलबली मच गई है।
सिंधु जल संधि क्या है?
- यह संधि 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई थी।
- इसके तहत सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों का पानी पाकिस्तान को और रावी, व्यास और सतलुज नदियों का पानी भारत को आवंटित किया गया था।
- संधि के मुताबिक, पाकिस्तान को 80% से ज़्यादा पानी का अधिकार मिला था, जबकि भारत केवल 20% पानी इस्तेमाल कर सकता था।
- दशकों तक यह संधि दोनों देशों के बीच रिश्तों का अहम हिस्सा रही, लेकिन अब भारत ने इसे रोक कर पाकिस्तान पर कड़ा दबाव बना दिया है।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत का रुख
अप्रैल 2025 में हुए पहलगाम आतंकी हमले में भारत के कई जवान शहीद हो गए थे। भारत ने इस हमले के पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों का हाथ बताया।
इसके बाद भारत ने बड़ा कदम उठाते हुए सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया।
दिल्ली का नया कदम और पाकिस्तान की बेचैनी
अब भारत ने संधि से जुड़े तकनीकी और प्रशासनिक सहयोग को भी रोकने का फैसला किया है।
- भारत अब पाकिस्तान को संधि से जुड़ी नियमित डाटा शेयरिंग और मीटिंग्स में हिस्सा नहीं देगा।
- पाकिस्तान की ओर से की गई नई मांगों को भारत ने खारिज कर दिया है।
- इसके साथ ही भारत अपने हिस्से की नदियों पर डैम और हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट्स बनाने की गति तेज कर रहा है।
पाकिस्तान को डर है कि अगर भारत ने पानी रोकने की नीति अपनाई तो उसके खेत सूख सकते हैं और फसल उत्पादन पर बुरा असर पड़ेगा। यही वजह है कि पाकिस्तान की सरकार और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की नींद उड़ी हुई है।
भारत का संदेश – आतंकवाद और बातचीत साथ नहीं
भारत का यह रुख साफ करता है कि अब उसका नया नॉर्मल यही है—
- अगर पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देगा, तो भारत पानी, व्यापार और कूटनीति सभी मोर्चों पर दबाव बढ़ाएगा।
- भारत यह संकेत देना चाहता है कि अब आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
भारत के इस कदम से पाकिस्तान में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
- पाकिस्तान सरकार इसे “गंभीर अंतरराष्ट्रीय मसला” बता रही है।
- वहां के किसान संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर पानी की आपूर्ति प्रभावित हुई तो पाकिस्तान में खाद्य संकट पैदा हो सकता है।
- वहीं, सोशल मीडिया पर पाकिस्तान के लोग अपनी ही सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कह रहे हैं कि आतंकवाद को शह देकर देश खुद मुसीबत में फंस गया है।
निष्कर्ष
भारत और पाकिस्तान के रिश्ते एक बार फिर तनावपूर्ण मोड़ पर हैं। सिंधु जल संधि को लेकर भारत का कड़ा रुख यह साफ संकेत देता है कि अब वह केवल बातों से नहीं बल्कि व्यावहारिक और रणनीतिक कदमों से जवाब देगा।
iPhone 17 की तरह, भारत की “न्यू पॉलिसी” का असली असर सितंबर के बाद दिख सकता है – जब नए डैम और प्रोजेक्ट्स पाकिस्तान पर दबाव और बढ़ाएंगे।
Read Also : iPhone 17 Launch से पहले Apple Store Pune का ऐलान, जानें पूरी जानकारी