ब्लैक मून क्या है?
चाँद को अलग-अलग रूपों और घटनाओं के आधार पर कई नामों से जाना जाता है। ब्लैक मून भी इन्हीं दुर्लभ घटनाओं में से एक है। हालांकि, इसका कोई आधिकारिक खगोलीय नाम नहीं है, लेकिन कैलेंडर महीने में पड़ने वाली दूसरी अमावस्या को ब्लैक मून कहा जाता है।
ब्लैक मून हर 29 से 33 महीने में एक बार होता है। कभी-कभी किसी मौसम में असामान्य रूप से चार अमावस्या होती हैं, जिसमें तीसरी अमावस्या को भी ब्लैक मून कहा जाता है।
अमावस्या वह समय होती है जब चंद्रमा का केवल दूर का हिस्सा सूर्य से प्रकाशित होता है और पृथ्वी से दिखाई नहीं देता। यह चंद्र चक्र की शुरुआत का प्रतीक भी माना जाता है।
2025 का ब्लैक मून और मौसम का महत्व
इस साल ब्लैक मून मौसमी परिभाषा के अनुसार आएगा। वर्तमान ऋतु 20 जून से 22 सितंबर के बीच है, जिसमें कुल चार अमावस्या हैं:
- 25 जून
- 24 जुलाई
- 23 अगस्त
- 21 सितंबर
इस क्रम में 23 अगस्त की तीसरी अमावस्या को ब्लैक मून कहा जा रहा है। यह इसे बेहद दुर्लभ और खास घटना बनाता है, क्योंकि सामान्य मौसम में अधिकतर केवल तीन अमावस्या होती हैं।
ब्लैक मून के दौरान क्या दिखाई देगा?
ब्लैक मून के नाम से ही यह स्पष्ट है कि यह अदृश्य रहेगा। इसका मतलब है कि रात में चाँद दिखाई नहीं देगा।
हालांकि, यही अदृश्यता इसे अंतरिक्ष प्रेमियों के लिए खास बनाती है। चांदनी न होने की वजह से तारों और आकाशगंगा को देखने का सबसे अच्छा मौका मिलता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, 23-24 अगस्त की रात को भारत और उत्तरी गोलार्ध के अन्य हिस्सों में पर्यवेक्षक आकाशगंगा और तारों को सबसे चमकीले रूप में देख पाएंगे।
ब्लैक मून और अंतरिक्ष प्रेमियों के लिए महत्व
- यह घटना खगोलविज्ञान और अंतरिक्ष विज्ञान में रुचि रखने वालों के लिए एक दुर्लभ अवसर है।
- रात में पूर्ण अंधकार होने के कारण खगोल निगरानी और तारों का अध्ययन आसान होता है।
- ब्लैक मून खगोलीय कैलेंडर और चंद्र चक्र के अध्ययन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
निष्कर्ष
आज रात का ब्लैक मून भले ही अदृश्य हो, लेकिन इसे देखने का मौका अंतरिक्ष प्रेमियों के लिए खास अनुभव साबित होगा। इस दुर्लभ खगोलीय घटना को देखकर आप 33 महीने बाद होने वाली इस घटना की महत्वता को समझ पाएंगे।Black Moon – NASA