Vice Presidential Election: उपराष्ट्रपति पद पर चुनाव में विपक्षी इंडिया गठबंधन का उम्मीदवार कौन हो, इस पर विपक्षी दलों के कई नेताओं ने सोमवार की शाम ऑनलाइन मीटिंग की। इस मीटिंग में एक ऐसे नाम पर खूब मंथन हुआ, जिन्हें एनडीए गठबंधन के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन की काट के रूप में प्रोजेक्ट किया गया था। इस बैठक में विपक्षी गठबंधन ने इस बात पर सैद्धांतिक सहमति जताई कि विपक्ष को एक साझा उम्मीदवार उतारना चाहिए लेकिन वह उम्मीदवार कौन हो, इस पर कोई फैसला नहीं हो सका।
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कौन हैं एम अन्नादुरई?
हालांकि, इस बैठक में कुछ नामों पर खूब चर्चा हुई। उन्हीं में से एक नाम है माइलस्वामी अन्नादुरई का। ये ISRO के पूर्व वैज्ञानिक हैं। उन्हें ‘Moon Man of India’ कहा जाता है। अन्नादुरई विशेष रूप से चंद्रयान-1 (भारत का पहला चंद्र मिशन, 2008) और मंगलयान/मार्स ऑर्बिटर मिशन (MOM, 2013) के लिए जाने जाते हैं। राधाकृष्णन की ही तरह ये भी तमिलनाडु से आते हैं। साधारण और ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले अन्नादुरई ने अंतरिक्ष विज्ञान में देश के लिए बड़ा योगदान दिया है। वह ISRO के सैटेलाइट सेंटर बेंगलुरु के डायरेक्टर भी कह चुके हैं। वह पद्मश्री से सम्मानित वैज्ञानिक हैं।
सांसद तिरुचि शिवा के नाम पर भी चर्चा
एम अन्नादुरई के अलावा डीएमके सांसद तिरुचि शिवा के नाम पर भी चर्चा हुई। इसके अलावा एक और नाम पर चर्चा होने की खबर है। हालांकि, इनमें से किसी भी नाम पर अंतिम सहमति नहीं बन पाई है। संभावना है कि आज (मंगलवार को) भी विपक्षी दलों के नेता उपराष्ट्रपति के साझा उम्मीदवार के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर बैठक करेंगे। चर्चा ये भी है कि विपक्षी दल आज ही अपने संयुक्त उम्मीदवार की घोषणा कर सकते हैं।
बातचीत के लिए खरगे अधिकृत
सोमवार शाम हुई बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को ममता बनर्जी, तेजस्वी यादव और अन्य नेताओं से संपर्क करने के लिए अधिकृत किया गया है। इस बैठक में डीएमके के कुछ सदस्यों ने अपने नेता एमके स्टालिन के सुझाव पर माइलस्वामी का नाम प्रस्तावित किया, जो तमिलनाडु में काफी सम्मानित हैं। कुछ नेताओं का कहना है कि डीएमके एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन की तमिल पहचान पर दांव लगाने की बीजेपी-एआईएडीएमके की कोशिश से निपटने के लिए एक तमिल उम्मीदवार को प्राथमिकता देगी।
गैर-राजनीतिक चेहरे को उतारें, TMC की सलाह
वरिष्ठ द्रमुक नेता तिरुचि शिवा का नाम भी चर्चा में है, लेकिन अन्य विपक्षी नेताओं के साथ अभी इस पर चर्चा होनी बाकी है। शिवा ने हालांकि यह कहते हुए इस संबंध में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि इस मामले पर उनका नेतृत्व फैसला लेगा। देश के दूसरे सबसे बड़े संवैधानिक पद के लिए ‘‘दक्षिण बनाम दक्षिण’’ का मुकाबला होने की संभावना है। बैठक में तृणमूल की तरफ से कथित तौर पर विपक्षी खेमे में दरार को पाटने के लिए किसी ऐसे शख्स को विपक्ष का उम्मीदवार बनाने का प्रस्ताव दिया गया जो गैर-राजनीतिक हों।