कांग्रेस सांसद Rahul Gandhi को मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ने एक सख्त नोटिस भेजते हुए 7 दिनों के भीतर जवाब देने का अंतिम मौका दिया है। यह नोटिस उनके खिलाफ दर्ज शिकायतों और आरोपों को लेकर जारी किया गया है। आयोग ने साफ कहा है कि अगर निर्धारित समय में जवाब नहीं मिला तो आगे की कार्रवाई सीधे नियमों के तहत की जाएगी।
क्यों जारी हुआ नोटिस?
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के खिलाफ शिकायतों और कुछ विवादित बयानों को गंभीरता से लिया है। यही वजह है कि उन्हें नोटिस जारी कर अपना पक्ष स्पष्ट करने का मौका दिया गया है। आयोग ने कहा है कि यह आखिरी अवसर है और इसके बाद कोई अतिरिक्त समय नहीं दिया जाएगा।
राहुल गांधी के लिए चुनौती
अगर राहुल गांधी समय पर अपना जवाब दाखिल करते हैं, तो आयोग उनकी दलीलों को सुनने के बाद अगला कदम तय करेगा। लेकिन अगर वे जवाब नहीं देते, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की संभावना बढ़ जाएगी। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस कार्रवाई का असर उनकी सांसद सदस्यता और भविष्य की राजनीतिक गतिविधियों पर भी पड़ सकता है।
राजनीतिक हलकों में हलचल
इस नोटिस ने राजनीति में हलचल मचा दी है।
- भाजपा नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी को कानून का सम्मान करते हुए अपना पक्ष स्पष्ट करना होगा।
- वहीं, कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि यह नोटिस राजनीतिक दबाव बनाने और राहुल गांधी की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश है।
आगे क्या होगा?
अब सबकी नजर राहुल गांधी के अगले कदम पर टिकी है। अगर वे सात दिन के भीतर ठोस जवाब देते हैं, तो आयोग मामले की गहन जांच के बाद निर्णय लेगा। लेकिन अगर वे चुप रहते हैं, तो आयोग उनके खिलाफ सीधे कड़ी कार्रवाई कर सकता है, जो उनकी राजनीतिक यात्रा के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है।
read also : PM Modi ने उपराष्ट्रपति उम्मीदवार की घोषणा पर दी प्रतिक्रिया, CP Radhakrishnan का भी आया बयान