Ayodhya का बहुप्रतीक्षित Cricket Stadium अब लगभग तैयार हो चुका है और इसी वर्ष के अंत तक इसे खेल विभाग को हस्तांतरित कर दिया जाएगा। यह स्टेडियम डा. भीमराव अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय क्रीड़ा संकुल का हिस्सा है, जिसकी नींव 2006 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के शासनकाल में रखी गई थी। हालांकि सरकारों के बदलाव के कारण लंबे समय तक इसका काम अधर में लटका रहा।
योगी सरकार में मिली रफ्तार
Minister योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में इस परियोजना को फिर से प्राथमिकता दी गई। रुके हुए कार्यों को पूरा करने के लिए करीब 48 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया, जिसमें क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण भी शामिल था। अब क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी अनिमेष सक्सेना के अनुसार, स्टेडियम का लगभग 95% कार्य पूरा हो चुका है। केवल पीछे के हिस्से की फिनिशिंग और बाहरी मार्ग का निर्माण बाकी है, जिसे अगले 1.5–2 महीने में पूरा कर लिया जाएगा।
55 करोड़ की लागत, आधुनिक सुविधाओं से लैस
लगभग 55 करोड़ रुपये की लागत से बने इस क्रिकेट स्टेडियम में 5 पिचें तैयार की गई हैं और पिच की देखभाल के लिए रोलर भी मौजूद हैं। स्टेडियम में करीब 15,000 दर्शकों के बैठने की क्षमता है, जिसमें 2,500 चेयर, वीआईपी पवेलियन, ड्रेसिंग रूम और 24 अतिरिक्त कक्ष बनाए गए हैं। दर्शकों के प्रवेश और निकासी के लिए चार दिशाओं में अलग-अलग गेट भी हैं।
अक्टूबर में अयोध्या प्रीमियर लीग की तैयारी
जिला क्रिकेट संघ के सचिव उमेर अहमद ने अक्टूबर में अयोध्या प्रीमियर लीग आयोजित करने के लिए स्टेडियम बुक करने की बात कही है। कोशिश यही है कि अक्टूबर तक स्टेडियम पूरी तरह तैयार हो जाए, ताकि खेल निदेशालय के निर्देश के बाद इसे आधिकारिक रूप से हस्तांतरित किया जा सके।
मैदान को लेकर खिलाड़ियों की राय
कुछ स्थानीय क्रिकेटरों का कहना है कि पवेलियन से 10 मीटर की दूरी छोड़कर बाउंड्री लगाने से मैदान अपेक्षाकृत छोटा हो सकता है, जिससे कुछ फील्डिंग पोजीशन जैसे प्वाइंट, गली, थर्डमैन और फाइन लेग की दूरी कम रह जाएगी। इसके बावजूद, खिलाड़ी मानते हैं कि यहां रणजी ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी और बीसीसीआई की अन्य घरेलू प्रतियोगिताएं सफलतापूर्वक आयोजित की जा सकती हैं।अयोध्या का यह आधुनिक क्रिकेट स्टेडियम न सिर्फ घरेलू टूर्नामेंट्स बल्कि भविष्य में अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों के आयोजन के लिए भी संभावनाएं पैदा करेगा। यह खेल प्रेमियों के लिए एक बड़ा तोहफा साबित होगा और अयोध्या को खेल मानचित्र पर एक नई पहचान देगा।