India की आईटी इंडस्ट्री में इस समय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की लहर चल रही है। देश की सबसे बड़ी आईटी सर्विस कंपनियां—Infosys, Tata Consultancy Services (TCS), Wipro और HCLTech—तेजी से AI-समर्थित प्रोजेक्ट्स को अपना रही हैं। इन कंपनियों का उद्देश्य न केवल अपने ऑपरेशंस को ऑटोमेट करना है, बल्कि ग्राहकों को और अधिक स्मार्ट, तेज़ और किफायती समाधान प्रदान करना भी है।
AI अपनाने से बदलेगा काम करने का तरीका
AI और ऑटोमेशन के बढ़ते इस्तेमाल से IT प्रोजेक्ट्स की डिलीवरी का तरीका पूरी तरह बदल रहा है। पहले जहां कई काम मैनुअल प्रोसेस से होते थे, अब वही कार्य AI एल्गोरिद्म और ऑटोमेशन टूल्स के जरिए सेकंड्स में पूरे किए जा सकते हैं। इससे कंपनियों की उत्पादकता तो बढ़ रही है, लेकिन मानव संसाधन की जरूरत में कमी भी आ रही है।
TCS ने 2% कर्मचारियों की छंटनी की
AI और ऑटोमेशन के बढ़ते प्रभाव के बीच, TCS ने हाल ही में अपने Workforce में लगभग 2% की कटौती की है। कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि यह कदम प्रोजेक्ट ऑप्टिमाइजेशन और बदलती तकनीकी जरूरतों के कारण उठाया गया है। यह छंटनी न केवल भारत में, बल्कि कंपनी के ग्लोबल ऑफिसेस में भी लागू की गई है।
Infosys, Wipro और HCLTech भी कर रही हैं बड़े निवेश
TCS के अलावा, Infosys, Wipro और HCLTech भी AI रिसर्च, ऑटोमेशन टूल्स और क्लाउड-आधारित AI सॉल्यूशंस में भारी निवेश कर रही हैं। ये कंपनियां हेल्थकेयर, फाइनेंस, रिटेल, मैन्युफैक्चरिंग और ई-कॉमर्स जैसे सेक्टर्स में AI के उपयोग को बढ़ावा दे रही हैं।
जॉब मार्केट पर असर
टेक एक्सपर्ट्स का मानना है कि AI आने वाले वर्षों में आईटी सेक्टर के जॉब मार्केट को पूरी तरह बदल देगा। जहां एक ओर कुछ पारंपरिक नौकरियां खत्म होंगी, वहीं दूसरी ओर AI डेवलपमेंट, डेटा साइंस, मशीन लर्निंग और साइबर सिक्योरिटी जैसे क्षेत्रों में नए अवसर भी पैदा होंगे।
भविष्य की दिशा
Industry एनालिस्ट्स का अनुमान है कि अगले 3-5 सालों में भारतीय आईटी कंपनियां ग्लोबल लेवल पर AI-ड्रिवन सर्विसेज में अग्रणी बन सकती हैं। लेकिन इस बदलाव के साथ कर्मचारियों को भी री-स्किलिंग और अप-स्किलिंग पर ध्यान देना होगा, ताकि वे बदलते टेक्नोलॉजी ट्रेंड्स के साथ कदम से कदम मिला सकें।
read also: “2030 के बाद माउस-कीबोर्ड होंगे History! AI लैपटॉप को बदल देगा Super Smart High-Tech डिवाइस में”