Vice President Election: भारत के अगले उपराष्ट्रपति पद को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने आधिकारिक रूप से तैयारियां तेज कर दी हैं। इस पद की रेस में दो और नाम जुड़ गए हैं। उनमें जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी शामिल हैं। आपको बता दें कि गुरुवार को संसद भवन परिसर में आयोजित एक अहम बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को एनडीए की ओर से उम्मीदवार चयन का अधिकार सौंपा गया। बैठक के बाद केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने जानकारी दी कि यह निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया है।
बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की, जिसमें गृहमंत्री अमित शाह, जदयू नेता ललन सिंह, शिवसेना (शिंदे गुट) के श्रिकांत शिंदे, टीडीपी के लवू श्री कृष्ण देवरायालु और लोजपा (रामविलास) के चिराग पासवान शामिल थे।
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जानकारी के मुताबिक, 22 जून को तेलीबांधा क्षेत्र में सभी लेने के दौरान बाजार से गोविन्द राम वाधवानी के मोबाइल को अज्ञात ने झपट्टा मारकर चोरी कर लिया. इसके बाद उसने यू.पी.आई. के माध्यम से 02 खातों से कुल 1,85,000 रूपये ट्रांजेक्शन कर लिया. इस मामले में शिकायत के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी. पूर्व में गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के बाद गैंग का लोकेशन ट्रेस किया गया. इसके बाद उप निरिक्षजन मुकेश सोरी के नेतृत्व में 10 सदस्य टीम को झारखंड और पश्चिम बंगाल भेजा गया. पुलिस ने हफ्तेभर कांवड़ियों के वेशभूषा में कैंप किया और गैंग के मास्टरमाइंड समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए पद से अचानक इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से यह पद रिक्त है और राजनीतिक हलकों में अगले उपराष्ट्रपति को लेकर कयासों का दौर जारी है। कई नामों की चर्चा हो रही है, हालांकि भाजपा ने पिछली बार भी धनखड़ के नाम की घोषणा कर लोगों को चौंका दिया था।
कौन-कौन हैं एनडीए के संभावित चेहरे?
मनोज सिन्हा
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व रेल राज्यमंत्री रहे हैं। उन्होंने हाल ही में अपना पांच वर्षीय कार्यकाल पूरा किया है। उन्हें अनुच्छेद 370 हटाने के बाद क्षेत्र में स्थिरता लाने का श्रेय दिया जाता है। हालांकि उनके कार्यकाल का अंत 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की छाया में हुआ, जिसमें 26 लोगों की जान गई। इसके बावजूद उनकी दावेदारी मजबूत मानी जाती है। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी नेता माना जाता है।
वीके सक्सेना
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना का नाम भी उपराष्ट्रपति पद की रेस में शामिल है। वीके सक्सेना ने आम आदमी पार्टी की तत्कालीन सरकार के खिलाफ कई फैसले लिए और केजरीवाल की सरकार के द्वारा लिए गए कई प्रशासनिक फैसलों पर रोक लगा दी। इसके बाद वह केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री के साथ-साथ भाजपा नेतृत्व को भरोसे में आ गए। राजनीतिक हलकों में माना जा रहा है कि उन्हें अब बड़ी भूमिका सौंपी जा सकती है।
हरिवंश नारायण सिंह
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सिंह जदयू से आते हैं। उन्हें भी एक विश्वसनीय और अनुभवी चेहरा माना जाता है। 2020 से इस पद पर रहते हुए उन्होंने सदन में कई बार संतुलन बनाए रखा है और सरकार के साथ उनकी साफ समझ रही है। उन्होंने इस बीच में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह का भरोसा जीता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि एनडीए इस बार राजनीतिक संतुलन, सामाजिक प्रतिनिधित्व और अनुभव को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवार चुनेगा। सबकी निगाहें इस पर हैं कि प्रधानमंत्री मोदी किस नाम पर मुहर लगाते हैं। वहीं विपक्ष भी जल्द ही अपने उम्मीदवार को लेकर मंथन शुरू कर सकता है, जिससे मुकाबला दिलचस्प हो सकता है। हालांकि, एनडीए के पास लोकसभा और राज्यसभा मिलाकर स्पष्ट बहुमत है।