Government की FRI पहल के तहत बीते महीने लाखों सिम कार्ड ब्लैकलिस्ट किए गए, जिन्हें धोखाधड़ी जैसे फर्जीवाड़े में इस्तेमाल किया जा रहा था। इसके साथ ही, इस पहल की मदद से करोड़ों रुपये के अवैध ऑनलाइन ट्रांजैक्शन पर भी लगाम लगाई गई है।
FRI पहल से डिजिटल फ्रॉड पर बड़ी कार्रवाई: 4 लाख सिम कार्ड ब्लैकलिस्ट, 2,000 फोन नंबरों पर हर महीने नजर
सरकार की Financial Risk Indicator (FRI) पहल डिजिटल धोखाधड़ी पर लगाम लगाने में Game-Changer साबित हो रही है। हाल ही में सामने आए आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई 2025 तक सरकार ने 3 से 4 लाख सिम कार्ड ब्लैकलिस्ट किए हैं, जिनका इस्तेमाल जॉब Scam, निवेश फ्रॉड और अन्य धोखाधड़ी के मामलों में हो रहा था।
कैसे काम करता है FRI System?
FRI एक AI और Machine Learning आधारित सिस्टम है, जो संदिग्ध लेनदेन की पहचान करता है और बैंकों को तुरंत अलर्ट भेजता है। इस तकनीक की मदद से बैंक रियल-टाइम में फ्रॉड ट्रांजैक्शन को ब्लॉक कर पा रहे हैं।
डिजिटल पेमेंट के बड़े नाम जैसे Paytm, PhonePe, Google Pay, ICICI Bank, HDFC Bank, और PNB इस तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं।
हर महीने 2000 फोन नंबरों पर नजर
दूरसंचार विभाग (DoT) के मुताबिक, हर महीने करीब 2,000 फोन नंबरों की निगरानी की जाती है। ये वे नंबर होते हैं, जो नौकरी देने या निवेश का झांसा देकर लोगों से ठगी कर सकते हैं।
AI आधारित सोशल मीडिया ट्रैकिंग
सोशल मीडिया फ्रॉड पर भी FRI के जरिए सख्त निगरानी रखी जा रही है। MFilterIt नाम की एक डिजिटल फ्रॉड डिटेक्शन कंपनी ने X, Instagram और Facebook पर AI-बेस्ड हनीपॉट्स लगाए हैं, जो फर्जी अकाउंट्स को ट्रैक करके उनके साथ इंटरैक्ट करते हैं।
कंपनी के अनुसार, एक AI बॉट रोजाना करीब 125 फ्रॉड अकाउंट पकड़ता है, जिससे सोशल मीडिया पर ठगी रोकने में बड़ी मदद मिल रही है।
RBI और सरकार का अलर्ट
July 2025 में RBI ने सभी बैंकों को एडवाइजरी जारी कर FRI को अपने सिस्टम में शामिल करने की सिफारिश की थी। इसका मकसद यह था कि संदिग्ध गतिविधियों पर तुरंत एक्शन लिया जा सके।
सरकारी अधिकारियों के अनुसार, अब धोखाधड़ी वाले अकाउंट्स पर सिर्फ कुछ घंटों में कार्रवाई की जा रही है, जो पहले कई दिनों तक लगती थी।
डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म बना मजबूत हथियार
DoT ने एक Digital Intelligence Platform भी तैयार किया है, जिससे विभिन्न विभागों के बीच Data शेयरिंग में तेजी आई है। इससे रियल टाइम में Fraud की पहचान और एक्शन संभव हो पाया है।