भारत बना विदेशी यूनिवर्सिटीज का हब: ऑस्ट्रेलिया, यूके, अमेरिका और इटली की यूनिवर्सिटीज खोलेंगी कैंपस, जानिए किस शहर में कौनसी यूनिवर्सिटी
Global Campuses in India | Foreign Universities in India | Study in India 2026
भारत में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लागू होने के बाद देश अब विदेशी यूनिवर्सिटीज का नया गढ़ बनता जा रहा है। ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, अमेरिका और इटली जैसे देशों की नामी यूनिवर्सिटीज भारत में अपने कैंपस शुरू करने जा रही हैं। यह कदम भारत के शिक्षा क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी और आकर्षक बना रहा है।
2026 तक भारत में सबसे ज्यादा ऑस्ट्रेलियाई कैंपस
साल 2026 तक भारत में सबसे अधिक कैंपस ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटीज के होंगे। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच शिक्षा समझौतों के तहत अब तक 8 यूनिवर्सिटीज को कैंपस खोलने की मंजूरी मिल चुकी है। गुजरात के गांधीनगर स्थित गिफ्ट सिटी में डीकिन यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ वोलोंगोंग पहले से ही शुरू हो चुकी हैं।
अन्य ऑस्ट्रेलियाई कैंपस:
- विक्टोरिया यूनिवर्सिटी – गुरुग्राम
- वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी – ग्रेटर नोएडा
- वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया यूनिवर्सिटी – मुंबई और चेन्नई
- ला ट्रोब यूनिवर्सिटी – बेंगलुरु
- यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स – बेंगलुरु
ब्रिटेन की यूनिवर्सिटीज भी भारत में तैयार
ब्रिटेन की 5 यूनिवर्सिटीज को भारत में कैंपस खोलने की अनुमति मिली है। इनमें से साउथेम्प्टन यूनिवर्सिटी गुरुग्राम में पहले से ही शिक्षा शुरू कर चुकी है।
अन्य यूके कैंपस:
- यूनिवर्सिटी ऑफ लिवरपूल – बेंगलुरु (अगस्त 2026 से शुरू)
- अबरदीन यूनिवर्सिटी – मुंबई
- यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क – मुंबई
- यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल – मुंबई
अमेरिका और इटली की एंट्री भी पक्की
- अमेरिका की यूनिवर्सिटी: इलिनोइस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, शिकागो – कैंपस मुंबई
- इटली की यूनिवर्सिटी: Istituto Europeo di Design – कैंपस मुंबई
मुंबई में ही सबसे ज्यादा 6 विदेशी यूनिवर्सिटीज के कैंपस होंगे। गुरुग्राम में 2, बेंगलुरु में 3, ग्रेटर नोएडा और चेन्नई में 1-1 कैंपस होंगे।
किन कोर्सेज की होगी मांग?
इन विदेशी कैंपस में STEM (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स), मैनेजमेंट, और फाइनेंशियल कोर्सेज पर ज़ोर रहेगा। इससे छात्रों को विश्वस्तरीय शिक्षा देश में ही सुलभ होगी और महंगे विदेशी कोर्सेज का बोझ भी कम होगा।
NEP 2020 बना गेमचेंजर
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के चलते ही यह सब संभव हो पाया है। सरकार का उद्देश्य है कि भारत एक ग्लोबल एजुकेशन हब बने, जहां इनोवेशन, रिसर्च और शिक्षा का मजबूत इकोसिस्टम विकसित हो। विदेशी यूनिवर्सिटीज की एंट्री से प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, लेकिन छात्रों को मिलेगा बेहतर विकल्प और वैश्विक एक्सपोजर।